सन 2003 से लेकर 2023 तक मध्य प्रदेश में हुए सभी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की पराजय के लिए एकमात्र जिम्मेदार श्री दिग्विजय सिंह, एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। आज मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिले और अपनी चुनावी हार के लिए EVM को जिम्मेदार बताकर, खुद को मध्य प्रदेश का लोकप्रिय नेता साबित करने का प्रयास करने लगे।
VVPAT पर्ची के लिए भारत की परिक्रमा क्यों नहीं करते
श्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर कहा कि, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में EVM में गड़बड़ी करके कांग्रेस पार्टी को हारा हुआ घोषित कर दिया गया है जबकि जनता ने कांग्रेस को वोट दिए थे। इससे पहले हुए कई चुनाव में भी श्री दिग्विजय सिंह EVM को कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार बता चुके हैं। उनका कहना है कि VVPAT पर्ची 90 करोड़ मतदाताओं का अधिकार है। उनकी पर्ची उनको हाथ में मिलनी चाहिए। बड़ा सवाल यह है कि जब दिग्विजय सिंह को सब कुछ पता है, तो इस तरह के बयान केवल पत्रकारों के सामने क्यों देते हैं। भारत की जनता को जागरूक करने के लिए परिक्रमा पर क्यों नहीं निकल जाते, जैसे आजादी से पहले महात्मा गांधी निकले थे। हाल ही में राहुल गांधी निकले थे।
एक प्रयोग ऐसा भी करके देख लीजिए
क्यों ना एक प्रयोग ऐसा करके देखा जाए कि, श्री दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की राजनीति से पूरी तरह से डिस्कनेक्ट हो जाए। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से मेल मुलाकात तो दूर की बात, फोन पर भी बात ना करें। मध्य प्रदेश के पत्रकारों के बीच में कोई कॉन्फ्रेंस ना करें। राजनीति से संबंधित कोई बयान न दें। मात्र 5 साल के लिए राजनीति से संन्यास ले लें। किसी लंबी धार्मिक अथवा अन्य किसी प्रकार की यात्रा पर निकल जाए। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सिर्फ 5 साल दे दें। शायद सब की मान्यता बदल जाए। शायद पता चल जाए कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की हार के लिए सचमुच कौन जिम्मेदार है। उम्मीद है श्री दिग्विजय सिंह अपनी पार्टी के लिए इतना तो कर सकते हैं। ✒ उपदेश अवस्थी.
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