कोई माई का लाल वाले शिवराज सिंह की तड़प, पुणे में उठी मध्य प्रदेश में वायरल हो गई - MP NEWS

Bhopal Samachar
आरक्षण के समर्थन में "कोई माई का लाल" बयान देने वाले शिवराज सिंह अपनी ही पार्टी की रिजर्वेशन पॉलिसी का शिकार हो गए। उनके दिल में बिल्कुल वही तड़प है, जो मध्य प्रदेश के हजारों योग्य उम्मीदवारों एवं शासकीय कर्मचारी के दिल में हुआ करती है। शिवराज सिंह अनुशासन में रहने का काफी प्रयास कर रहे हैं परंतु दर्द तो दर्द है, दिखाई दे ही जाता है। पुणे में उनकी तड़प ने कुछ शब्दों का सहारा लिया। उनका बयान अब मध्य प्रदेश में वायरल हो रहा है। 

आरक्षण की कट्टर समर्थक शिवराज सिंह रिजर्वेशन पॉलिसी का शिकार हो गए

जब किसी परीक्षा में टॉप करने के बाद भी आपकी नियुक्ति नहीं होती बल्कि रिजर्वेशन की पॉलिसी के कारण किसी ऐसे उम्मीदवार की नियुक्ति हो जाती है, जो प्रतिस्पर्धा में शामिल तक नहीं था, तब क्या महसूस होता है। मध्य प्रदेश के नेता श्री शिवराज सिंह चौहान इन दोनों बिल्कुल ऐसी ही मनःस्थिति से गुजर रहे हैं। उनके प्रति सबको सहानुभूति है परंतु यह उल्लेख करना भी अनिवार्य है कि, यह वही शिवराज सिंह चौहान है जिन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले कहा था कि "कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता"। आज अपनी ही पार्टी की रिजर्वेशन पॉलिसी का शिकार हो चुके हैं। शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए योग्य उम्मीदवारों को पीछे धकेल कर, अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का काम किया। 2023 में उनके साथ बिल्कुल वैसा ही हुआ। रिकॉर्ड मतों से जीतने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्ति नहीं मिली। पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह चौहान को रिजेक्ट कर दिया। 

लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं, शिवराज सिंह का दर्द

मुझे फॉर्मर चीफ मिनिस्टर कहा, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं। अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का स्नेह और प्यार मिलता है। जहां जाते हैं वहां लोग कहते है मामा-मामा-मामा, यही अपनी असली दौलत है।' शिवराज सिंह चौहान ने यह बात महाराष्ट्र के पुणे में कही। किसी भी कार्यक्रम में जब भी उनका परिचय पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में कराया जाता है, उनके चेहरे पर वज्रपात स्पष्ट दिखाई देता है। श्री शिवराज सिंह पुणे में आयोजित छात्र संसद के आखिरी दिन 12 जनवरी को समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। 

शिवराज सिंह की फ्यूचर प्लानिंग क्या है

पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, छोड़ दिया, इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करूंगा। मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- क्या राजनीति में धन का प्रभाव खत्म करने के लिए तुम काम नहीं करोगे। क्या राजनीति केवल अमीरों की तिजोरी से चलेगी। अगर 35-40 करोड़ रुपए MLA बनने के लिए खर्चा करोगे तो देश की सेवा कैसे करेंगे, प्रदेश की सेवा कैसे करेंगे। राजनीति से धन के प्रभाव को समाप्त करना होगा।

टॉपर को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, अब उसके दिल का दर्द पढ़िए

पूर्व सीएम शिवराज ने कहा- विधानसभा चुनाव में कई चुनावी विश्लेषकों ने कहा था कि मध्यप्रदेश में भाजपा नहीं जीतेगी। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि क्लीन स्वीप करेंगे। मेरी पार्टी के कुछ नेता भी मुझसे कहते थे, मुश्किल है, नहीं हो पाएगा। मैंने तय किया कि किसी भी कीमत पर मैं पार्टी को जिताऊंगा। कोई ताकत मुझे जीतने से नहीं रोक सकती। एक संकल्प पैदा हुआ और उसके अनुरूप काम किया। जब परिणाम आए, तब कांग्रेस ने नहीं, भाजपा ने क्लीन स्वीप किया। सबसे ज्यादा वोट आए और सबसे शानदार सीटें आईं। 

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