कांग्रेस हाई कमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के पद से अचानक हटा दिए गए श्री कमलनाथ, भारतीय जनता पार्टी में भविष्य तलाश रहे हैं, और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। सोशल मीडिया पर इस प्रकार की चर्चाओं के बीच श्री कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर श्री पीयूष बबेले ने स्पष्ट किया है कि, श्री कमलनाथ ने इस प्रकार का कोई समय नहीं मांगा है और 21 तारीख को दिल्ली जाने का उनका कोई कार्यक्रम नहीं है।
कमलनाथ के राजनीतिक जीवन का सबसे कठिन समय
वर्तमान काल, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री कमलनाथ की राजनीति के जीवन का सबसे कठिन समय है। स्वर्गीय संजय गांधी एवं स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ उनकी कोर टीम में काम कर चुके श्री कमलनाथ, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं में से एक हुआ करते थे। सन 2018 के विधानसभा चुनाव में श्री कमलनाथ, केंद्र की राजनीति छोड़कर मध्य प्रदेश की राजनीति में शामिल हो गए। सन 2023 का विधानसभा चुनाव श्री कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा गया। उन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ जीत का दावा किया था परंतु विधानसभा चुनाव परिणाम काफी शर्मनाक रहे। इसके बाद श्री कमलनाथ की कांग्रेस पार्टी में स्थिति बदल गई।
दिल्ली में कमलनाथ को काफी अपमानित किया गया
सूत्रों का कहना है कि चुनाव परिणाम के बाद श्री कमलनाथ को दिल्ली बुलाया गया। यहां कांग्रेस हाई कमान द्वारा श्री कमलनाथ को अपमानित किया गया। उनसे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया। सूत्र कहते हैं की कमलनाथ ने मौखिक तौर पर इस्तीफा देने के लिए कह दिया था परंतु बाद में लिखित इस्तीफा नहीं भेजा। इसके बाद हाई कमान द्वारा श्री कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। उनके स्थान पर श्री जितेंद्र पटवारी उर्फ जीतू को नियुक्त किया गया।
कमलनाथ आजकल पार्टी पॉलिसी के खिलाफ बयान दे रहे हैं
दरअसल चर्चाएं इसलिए हो रही है क्योंकि श्री कमलनाथ, पार्टी पॉलिसी के खिलाफ जाकर बयान दे रहे हैं। हाई कमान द्वारा आमंत्रण अस्वीकार कर दिए जाने के बाद कमलनाथ ने भारत में चल रही श्री राम धुन के समर्थन में न केवल बयान दिए बल्कि अपने बेटे और कांग्रेस पार्टी के सांसद श्री नकुलनाथ के साथ श्री राम धुन के समर्थन में कुछ गतिविधियां भी की।
पीयूष बबेले ने तो प्रदेश अध्यक्ष वाले मामले में भी यही कहा था
श्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार श्री पीयूष बबेले द्वारा जारी स्पष्टीकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके कुछ फॉलोअर्स ने याद दिलाया कि, आप तो अध्यक्ष पद से न हटने का भी बोल रहे थे, आग लगती है तभी धुआं उठता है। एक बात और गौर करने वाली है कि श्री पीयूष बबेले ने अपने स्पष्टीकरण में यह बिल्कुल नहीं कहा कि श्री कमलनाथ, कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान सिपाही हैं और जीवन भर पार्टी की सेवा में रहेंगे।
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