शिवराज के युवराज ने ज्योतिरादित्य जैसा बयान दिया, पढ़िए कार्तिकेय सिंह चौहान का वायरल वीडियो - MP NEWS

मध्य प्रदेश की राजनीति में इस सप्ताह 2 बड़े समाचार सामने आए हैं। उनके अपने गहरे अर्थ भी हो सकते हैं। कोई संकेत भी हो सकता है, शायद कहीं कोई प्लानिंग चल रही है। ताज़ा बयान पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के चिरंजीव श्री कार्तिकेय सिंह चौहान का है। उन्होंने एक सार्वजनिक सभा में कहा कि यदि आपके लिए अपनी सरकार से लड़ने की नौबत आई तो लडूंगा। यदि 5 साल फ्लैशबैक में जाएं तो बिल्कुल ऐसा ही बयान श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया था जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार थी और श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को महत्व नहीं मिल रहा था। 

कार्तिकेय सिंह चौहान का वायरल बयान पढ़िए

भैरुन्दा (पुराना नाम नसरुल्लागंज) में मतदाताओं की धन्यवाद सभा को संबोधित करते हुए, स्थानीय विधायक श्री शिवराज सिंह चौहान के सुपुत्र श्री कार्तिकेय सिंह चौहान ने कहा कि, मेरा राजनीति में आने का कोई मन नहीं है लेकिन आपसे वोट मांगने के लिए मैं आया था। अब जबकि पिताजी मुख्यमंत्री नहीं रहे और मैं आपके बीच नहीं आऊं, तो रात को चैन की नींद सो नहीं पाऊंगा। वोट मांगने के लिए पिताजी नहीं आए थे, वोट मांगने मैं आया था इसलिए उस समय मैंने जो भी आपसे वादे किए थे, उन्हें पूरा निभाने के लिए आपके बीच आ रहा हूं और वादे को निभाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं। वैसे तो लड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, अपनी सरकार है लेकिन लड़ना पड़ा इस बात के लिए आप निश्चिंत रहिए कि, उसके लिए भी कार्तिकेय तैयार है। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्या कहा था 

सन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला और मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी। इस चुनाव में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी परंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा उन्हें इग्नोर किया जाने लगा। उनके सम्मान को आहत किए जाने वाले क्रियाकलाप शुरू हो गए थे। इसी दौरान नियमितिकरण की मांग कर रहे अतिथि शिक्षक ज्ञापन लेकर पहुंचे तो श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भरे मंच से कहा था कि, आप निश्चिंत रहिए, यदि सरकार ने घोषणा पत्र में किया गया वादा पूरा नहीं किया तो मैं खुद आपकी लड़ाई में शामिल हो जाऊंगा। आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपकी तलवार मैं बनूंगा। बताने की जरूरत नहीं कि इसके बाद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ।


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