नागरिक उपभोक्ता मंच और श्री अखिलेश त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ड्राइवर संगठनों की हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए, सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह तत्काल हड़ताल खत्म करवाए। मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वह, हड़ताल के नाम पर पब्लिक को परेशान करने का प्रयास कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।
मध्य प्रदेश में हड़ताली ड्राइवर शाम तक ठंडे पड़ गए
मध्य प्रदेश में दिनांक 1 जनवरी 2023 को अचानक ड्राइवर संगठनों की हड़ताल के कारण स्थिति असामान्य हो गई थी। लोगों ने चिंता और परेशानी में पूरी रात बिताई। मंगलवार की सुबह स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन दोपहर के बाद सब कुछ सामान्य होने लगा। सुबह से दोपहर के बीच में मध्य प्रदेश के कई जिलों में हड़ताली ड्राइवर और पुलिस के बीच बल प्रयोग की घटनाएं हुई। हड़ताल कर रहे ड्राइवर संगठन के लोगों ने रास्ता जाम करने की कोशिश की। सार्वजनिक रास्ता बंद होने से रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। लाठी चलाई। शाजापुर सहित कई जिलों में हड़ताल कर रहे ड्राइवर संगठन के नेताओं और कलेक्टर के बीच हॉट टॉक भी हुई। शाम तक स्थिति सामान्य हो गई। हाई कोर्ट का आदेश आया और प्रशासन गर्म हुआ तो हड़ताली ड्राइवर ठंडा पड़ गए।
अकारण और अनावश्यक हड़ताल थी
ड्राइवर संगठन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 104(2) के खिलाफ हड़ताल कर रहे थे। इसमें प्रावधान किया गया है कि यदि कोई वाहन चालक, किसी को टक्कर मारकर घटनास्थल से भाग जाता है, और घायल व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो, टक्कर मारकर घटनास्थल से भागने वाले ड्राइवर को 7 साल जेल की सजा और ₹500000 जुर्माना अदा करना होगा। भारत में ज्यादातर हिट एंड रन केस, लग्जरी गाड़ी और करोड़पति एवं प्रभावशाली लोगों के सामने आए हैं और यह कानून इसी प्रकार की हिट एंड रन वाली घटनाओं पर पब्लिक के आक्रोश के बाद बनाया गया है। ज्यादातर ड्राइवर अपने वाहन नियंत्रण में चलाते हैं। वह हाई स्पीड में नहीं होते और उनके द्वारा हिट एंड रन मामले भी नहीं होते। इसके बावजूद कुछ ड्राइवर संगठन इस नए कानून के खिलाफ हड़ताल पर चले गए और मंगलवार को हड़ताल के नाम पर उपद्रव शुरू कर दिया था।
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