भगवान राम की कहानी को रामायण क्यों कहते हैं, श्री राम कथा क्यों नहीं कहते, पढ़िए - SHRI RAM GK

Bhopal Samachar
भारत में भगवान के प्रत्येक स्वरूप के लिए, सभी देवी देवताओं का वर्णन एवं पूजा विधि हेतु कथाएं लिखी गई है। भगवान श्री राम के पूर्वजों की भी कथाएं लिखी गई है, और उनके बाद भी कई कथाओं को लिखा गया परंतु भगवान श्री राम की कहानी को "रामायण" नाम दिया गया, श्री राम कथा क्यों नहीं दिया गया। चलिए कुछ विशेषज्ञों से पूछते हैं। 

रामायण में राम राज्य का विस्तार से वर्णन क्यों नहीं है

रायपुर छत्तीसगढ़ के कृषि उपकरण निर्माता एवं प्रतिष्ठित लेखक श्री राजकुमार देवांगन एवं हैदराबाद के प्रतिष्ठित लेखक श्री एनके प्रसाद ने लिखा है कि, रामायण शब्द 2 शब्दों की संधि से मिलकर बना है। राम+अयण= रामायण। यहां अयण का अर्थ होता है "यात्रा"। इस प्रकार रामायण का अर्थ हुआ "भगवान श्री राम की यात्रा का वर्णन"। यही कारण है कि इस ग्रंथ में राम राज्य का विस्तार से वर्णन नहीं है। सागर यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश से PhD श्री टीआर शुकुल का कहना है कि, रामायण शब्द 2 शब्दों की संधि से बना है। राम+अयन, यहां अयन का अर्थ है आश्रय। इसलिए रामायण का अर्थ हुआ "राम का आश्रय" अर्थात राम का घर। 

श्रीरामचरितमानस का क्या अर्थ होता है

वाराणसी उत्तर प्रदेश के अवकाश प्राप्त अध्यापक एवं हिंदी भाषा के विशेषज्ञ श्री उदय प्रकाश शुक्ला लिखते हैं कि, रामायण (रामस्यायनं चरितमधिकृत्य कृतो ग्रंथ:) अथवा (रामस्य चरितान्वित अयनं शास्त्रम्- शब्दकल्पद्रुम के अनुसार।) अर्थात् भगवान श्रीराम के चरित्र को अधिकृत करके रचे गए ग्रंथ को श्रीरामचरितमानस कहते हैं अथवा भगवान श्रीराम के चरित्र से संयुक्त शास्त्र को रामायण कहते हैं। इसीलिए इस ग्रंथ को श्रीरामचरितमानस भी कहते हैं। रामचरितमानस = राम + चरित + मानस, रामचरितमानस का अर्थ है "राम के चरित्र का सरोवर"। 

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