जीवन में कष्ट कई प्रकार के होते हैं। कुछ ऐसे होते हैं जिनका अपनी बुद्धि या सामाजिक संगठन के माध्यम से सामना किया जा सकता है परंतु कुछ कष्टों का निवारण मनुष्य के हाथों में नहीं होता। सनातन भारतवर्ष के धर्म ग्रंथो में इस प्रकार के कष्टों से मुक्ति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। दिनांक 10 फरवरी 2024, वही तारीख है जब इस प्रकार के उपाय किए जा सकते हैं। लास्ट डेट 19 फरवरी 2024 है।
आदिशक्ति की कृपा के लिए 10 से 19 फरवरी तक क्या करें
इस प्रकार के अवसर वर्ष में केवल दो बार माघ और आषाढ़ के महीने में आते हैं। माघ मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि दिनांक 10 फरवरी 2024 को है। इस दिन से उपाय शुरू होंगे। आप अपने लिए SOP का संकल्प 10 फरवरी को लेंगे और लगातार 19 फरवरी तक इसका पालन करना होगा। शास्त्रों में इसे व्रत कहा गया है। शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि, इसकी उद्घोषणा और प्रचार प्रसार नहीं किया जाता। यह व्यक्तिगत तौर पर किया जाने वाला उपाय है। यदि मेहमानों का आना-जाना नहीं है तो आप चित्र और कलश की स्थापना भी कर सकते हैं, यदि लोगों का आना-जाना है तो केवल दीपक जलाकर भी आप पूजा विधि को संपन्न कर सकते हैं। कई प्रकार के धार्मिक ग्रंथो में, विभिन्न प्रकार की पूजा विधि का उल्लेख है। आप अपनी मनोकामना और संकल्प के अनुसार अपनी पूजा विधि का चयन करें। ध्यान रखें कि इसमें स्थापना अथवा पूजा पाठ के लिए किसी विद्वान ब्राह्मण को आमंत्रित नहीं किया जाता। किसी अन्य व्यक्ति से विधि पूछने अथवा मार्गदर्शन लेने की आवश्यकता भी नहीं है। माता और संतान के बीच संवाद का कोई माध्यम नहीं होता। सीधा संवाद होता है।
कष्टों के प्रकार जिसे मुक्ति के लिए पूजा प्रार्थना करेंगे
आध्यात्मिक कष्ट - इसमें मानसिक तनाव, सभी प्रकार की चिंता, डर और डिप्रेशन शामिल है। इसके कारण शरीर भी पीड़ा ग्रस्त हो जाता है।
आधिभौतिक कष्ट - इसमें सभी प्रकार के अपमान, सभी प्रकार के शोषण, सभी प्रकार की हिंसा का शिकार होना और युद्ध के कारण उपस्थित हुए कष्ट भी शामिल है।
आधिदैविक कष्ट - इसमें प्राकृतिक आपदाएं, बाढ़, भूकंप, तूफान, सुख, लैंडस्लाइडिंग, लाइटनिंग, ज्वालामुखी इत्यादि सब शामिल है।
सामाजिक कष्ट - इसमें गरीबी, बेरोजगारी, भेदभाव, योग्यता के बावजूद अवसर न मिलाना और अकेलापन इत्यादि शामिल है।
आर्थिक कष्ट - इसमें निरंतर कम होती आय और बढ़ता कर्ज शामिल किया जाता है। इसके कारण गरीबी आती है।
पारिवारिक कष्ट - रिश्तो में तनाव, परिवार के सदस्यों के कारण पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में डिस्टरबेंस, यहां तक की अकाल मृत्यु भी शामिल है।
10 फरवरी 2024 का शुभ मुहूर्त
- प्रतिपदा तिथि का आरंभ - 10 फरवरी 2024 - सुबह 04:28
- प्रतिपदा तिथि का समापन - 11 फरवरी 2024 - दोपहर 12:47
- मीना लग्न का प्रारंभ - 10 फरवरी 2024 - सुबह- 08:09
- मीना लग्न का समापन- 10 फरवरी 2024 - सुबह -09:43
- घटस्थापना का मुहूर्त मीन लग्न में - 10 फरवरी 2024 - सुबह 08:09 बजे से 09:43 बजे तक
- घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त - 10 फरवरी 2024 - सुबह 11:38 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक
विशेष नोट:- जैसा कि बताया गया है, यदि आपके घर में पूजा का स्थान ऐसी जगह पर है जहां लोगों का आना-जाना नहीं है, कृपया तभी घट स्थापना करें। अन्यथा पूजा के समय एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर दीपक जलाएं और अपनी पूजा विधि संपन्न करें।
डिस्क्लेमर- यह जानकारी केवल उन नागरिकों के लिए है जो उत्तर भारत के पंचांग और पूजा विधि आदि में आस्था रखते हैं। इसका विज्ञान से कोई संबंध नहीं है। यह एक ऐसा विषय है जो विज्ञान को प्रमाणित नहीं करता और विज्ञान इसे प्रमाणित नहीं कर सकता।