मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तीन लाख नागरिकों के लिए लाभदायक, भोपाल का पांचवा रेलवे स्टेशन निशातपुरा टर्मिनस पिछले 8 महीने से लोकार्पण का इंतजार कर रहा है परंतु लोकार्पण नहीं हो पा रहा है क्योंकि लावारिस निशातपुरा, पड़ोसी क्षेत्र के नेताओं के पक्षपात का शिकार हो गया है। यदि निशातपुरा में एक भी दमदार नेता होता तो 8 महीने पहले तैयार हो चुके टर्मिनस को लोकार्पण का इंतजार नहीं करना पड़ता। पॉलिटिकल पक्षपात के कारण निशातपुरा की 3 लाख पब्लिक को परेशान नहीं होना पड़ता।
जिस क्षेत्र के नेता दमदार नहीं होते उसे क्षेत्र का विकास भी नहीं हो पता। वह क्षेत्र लावारिस जैसा हो जाता है। निशातपुरा की हालत कुछ ऐसी ही है। निशातपुरा टर्मिनस के निर्माण पर 4 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अक्टूबर 2023 में यहां सात जोड़ी ट्रेनों के हाल्ट का भी नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। जिन ट्रेनों के हाल्ट निशातपुरा में दिए जाना हैं, उनमें शामिल मालवा एक्सप्रेस, भोपाल- इंदौर एक्सप्रेस, सोमनाथ एक्सप्रेस, दाहौद एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस अभी मुख्य रेलवे स्टेशन और संत हिरदाराम नगर पर रुकती हैं। वहां के नेता चाहते हैं कि ट्रेनों के स्टॉपेज कम नहीं किए जाएं।
भोपाल और निशातपुरा के बीच ढाई किमी और निशातपुरा और संत हिरदाराम नगर के बीच 10.50 किमी का अंतर है। वहां के नेता चाहते हैं कि उनकी पब्लिक को परेशानी नहीं होनी चाहिए फिर भले ही निशातपुरा के तीन लाख लोगों को कितनी भी परेशानी क्यों न उठानी पड़े।
मालवा, सोमनाथ, हावड़ा को निशातपुरा खत्म करने का प्रस्ताव
मालवा एक्सप्रेस, भोपाल- इंदौर एक्सप्रेस, सोमनाथ एक्सप्रेस, दाहोद एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस, भोपाल-उज्जैन एक्सप्रेस, इंदौर- पटना (2 सेट), पेंचवेली एक्सप्रेस, कोलकाता एक्सप्रेस, राज्यरानी एक्सप्रेस समेत विंध्याचल एक्सप्रेस और बीना मेमू को निशातपुरा स्टेशन पर खत्म करने का प्रस्ताव भी है। जबलपुर इंटरसिटी, अगरतला एक्सप्रेस और एलटीटी एक्सप्रेस को यहां से शुरू करने का प्रस्ताव है।
पूरी तैयारी, आदेश मिलते ही शुरू कर देंगे
निशातपुरा पर रेलवे स्टेशन की मांग पिछले एक दशक से चल रही थी। 2018 में इसके लिए औपचारिक सर्वे शुरू हुआ। सर्वे के बाद पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर के महाप्रबंधक कार्यालय ने इसे औपचारिक स्वीकृति के लिए मंत्रालय भेजा। 2020 में रेल बजट में घोषणा के बाद मई में काम शुरू हुआ।
निशातपुरा टर्मिनस रेलवे के लिए इंपॉर्टेंट परंतु राजनीति रोक रही है
जो ट्रेनें इंदौर-उज्जैन तरफ से भोपाल स्टेशन आती हैं, उनका इंजन चेंज कर दिल्ली तरफ रवाना करना पड़ता है। इंजन बदलने के दौरान करीब 35 से 40 मिनट का अतिरिक्त समय लग जाता है। इसे बचाने के लिए निशातपुरा बनाया गया। सुबह व शाम के वक्त दिल्ली तरफ से आने वाली ट्रेनों के लिए भोपाल स्टेशन पर प्लेटफॉर्म खाली नहीं मिलते, समस्या दूर होगी।
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