BNS 50, IPC 110 - दुष्प्रेरण का दंड, अगर अपराध भिन्न किया गया है तब क्या होगा, जानिए

Bhopal Samachar

Legal general knowledge and law study notes 

जहां कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को चोरी करने जे लिए उकसाता है और अपराध करने वाला मुख्य आरोपी चोरी के स्थान पर हत्या करके आ जाता है। तब उकसाने वाले व्यक्ति को हत्या का दोषी नहीं मना जाएगा। उसे सिर्फ चोरी के अपराध से दण्डित किया जाएगा। चाहे उसने चोरी के अपराध का दुष्प्रेरण मात्र ही क्यूँ न किया हो, जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 50, भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 110 की परिभाषा 

जो कोई व्यक्ति अपराध का दुष्प्रेरण करता है और अपराध करने वाला दुष्प्रेरित व्यक्ति उस अपराध के स्थान पर कोई अन्य अपराध को अंजाम दे देता है जब दुष्प्रेरण करने वाले व्यक्ति को उसी अपराध के दण्ड से दण्डित किया जाएगा जिसका उसने दुष्प्रेरण किया था।

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट जानिए:- 

▪︎ मातादीन बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले में एक सह आरोपी ने लड़ाई के समय बोल दिया था "मारो साले को" मुख्य आरोपी ने मृतक के पेट में चाकू से वार कर दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई। सह आरोपी के ऊपर भी 302/34 का मामला दर्ज हुआ। 

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभिनिर्धारित किया कि शब्द "मारो साले को" बोलने का अर्थ दोनों हो सकते हैं पहला पीटना एवं व्यक्ति को मार डालना, और यह संदेह के परे है इसलिए सह आरोपी को हत्या के अपराध से दण्डित करना न्यायोचित नहीं है इसलिए सह आरोपी को 302/34 के स्थान पर धारा 324/110 के अंतर्गत दोषसिद्ध किया जाना न्यायोचित होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद), इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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