हरदा हादसे पर मुख्यमंत्री का विधानसभा में जवाब पढ़िए - Chief Minister s reply in the Assembly on Harda MP accident

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुई दुर्घटना पर विधानसभा में चर्चा का जवाब देने हुए कहा कि विपक्ष का इस विषय पर चर्चा के लिए आग्रह आया। मेरी भी सहमति थी कि सबकी भावना है तो चर्चा होनी चाहिए। यह हम सब की संवेदना और भावना का प्रतीक है, विधानसभा के सभी सदस्यगण पूर्ण सहमति के साथ इस विषय पर चर्चा की राह निकाल रहे हैं। घटना दुखद है, लेकिन यह विश्वास व्यक्त करता हूँ कि आगे भी ऐसी कोई स्थिति बनी तो यह मिसाल बनेगी कि ऐसे संजीदगी वाले विषय पर हम सब मिलकर कैसे चल सकते हैं। 

वीडियो देखकर लग रहा था, भीषण और बड़ी घटना है, कुछ भी हो सकता है

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 6 फरवरी को कैबिनेट में जैसे ही लगभग 11:20 के आसपास मुझे घटना की जानकारी मिली वैसे ही हमने कैबिनेट को रोक कर वहीं एक टीम बनाई, मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह से कहा कि आप तुरंत घटना स्थल पर पहुंचें, उनके साथ दो जिम्मेदार अधिकारियों को भी भेजा गया। दुर्घटना के वीडियो शॉट देखकर लग रहा था, यह भीषण और बड़ी घटना है तथा कुछ भी हो सकता है। घटना की भयावहता के आधार पर तुरंत आपात बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया। 

वीडियो देखकर लगा हरदा में आतंकवादियों ने ब्लास्ट किया है: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना की संक्षिप्त छवि का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि हरदा की भोपाल, इंदौर और होशंगाबाद से भौगोलिक दूरी ज्यादा थी। इसीलिए भारत सरकार के गृह मंत्री जी को भी दोपहर 12:20 पर घटना की जानकारी दी गई और एनडीआरएफ की टीमें, हेलीकॉप्टर तथा अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराने का निवेदन किया गया। घटना इतनी बड़ी थी कि आंतकवादी वारदात की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता था। फिर यह पुष्टी हुई कि मामला केवल पटाखों का ही है, तब इस स्थिति से भारत सरकार को अवगत कराया गया और मैंने निर्देश दिए कि जो भी हो उसे पूरी गंभीरता से लिया जाए। 

हरदा के घायलों को हेलीकॉप्टर से लाना संभव नहीं था, मुख्यमंत्री ने कहा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह ने हरदा पहुंचकर स्थिति की जानकारी से अवगत कराया, तब तक जो मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती थी, जैसे ग्रीन कॉरीडोर बनाने और निकट के अस्पतालों में बर्न यूनिट आदि की व्यवस्था की गई। यह बात सही है कि जलने के बाद, जिस स्तर के इलाज की आवश्यकता होती है वह सुविधा ऐसे दूरस्थ अंचलों में विकसित करना अभी शेष है लेकिन फिर भी हमने तत्काल होशंगाबाद और भोपाल में व्यवस्था की। साथ ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी रवाना की गईं, लगभग 100 से अधिक फायर ब्रिगेड और 50 एम्बुलेंस तथा अन्य आवश्यक संसाधन हरदा में उपलब्ध कराए गए। हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था थी, लेकिन बर्न वालों को लाना संभव नहीं था। घायलों के साथ परिवार के लोग भी आना चाह रहे थे, परिवार के लोगों को भी जोड़ कर रखा गया ताकि क्षेत्र में घबराहट नहीं फैले।  राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी कदम एक साथ उठाए गए। घायलों के लिए डॉक्टरों की एडवांस टीम की व्यवस्था की गई। 

घायल महिला अस्पताल में दूसरों की देखभाल करती मिली

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं हमीदिया अस्पताल में सभी घायलों से मिलकर आया हूँ। उन्होंने एक   घायल महिला की बहादुरी का प्रशंसापूर्वक उल्लेख करते हुए कहा कि महिला ने स्वयं बताया कि वह जहां पटाखे बन रहे थे वहीं काम कर रही थी, पहला विस्फोट होने के साथ ही ज्यादातर लोग भाग गए, किंतु वह दौड़कर नहीं निकल पाई और उसका हाथ टूट गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महिला की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि महिला स्वयं का दर्द भूलकर दूसरों की कुशलक्षेम पूछ रही थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि फायर बिग्रेड के एक कर्मचारी का आग बुझाने में हाथ का पंजा कट गया। इससे घटना की विभिषिका का अंदाज लगाया जा सकता है। कुछ मदद करने वाले, वीडियो बनाने वाले राहगीर भी घटना में घायल हुए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पक्ष-विपक्ष की बात न करते हुए शासन के स्तर पर हमने सार्थक चर्चा की। मैं भगवान महाकाल से प्रार्थना करता हूँ कि इस घटना में दिवंगतों को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दें तथा घायलों को शीघ्र अतिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो। घायलों को जो भी उपचार की आवश्यकता होगी, वह नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश के बाहर भी यदि किसी को इलाज के लिए भेजने की आवश्यकता होगी तो वह व्यवस्था की जाएगी। 

आतिशबाजी की फैक्ट्री के पास प्रधानमंत्री आवास थे, मुख्यमंत्री ने बताया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब पटाखा फैक्ट्री का निर्माण हुआ तब वह शहर से दूर थी, बाद में उसके आसपास बसाहट हो गई। फैक्ट्री के आसपास बस्तियां बसाने में कौन-कौन दोषी है यह जांच में आएगा, लेकिन शासकीय एजेंसियों को भी यह सतर्कता बरतनी चाहिए कि प्रधानमंत्री आवास या अन्य योजनाओं में ऐसे स्थानों पर लोंगों को न बसाया जाए।   

हरदा से कलेक्टर एसपी को क्यों हटाया, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अधिकारियों को हटाने के संबंध में भी बात कही है। अधिकारियों को इसलिए हटाया गया ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें और न ही किसी मातहत दोषी को बचाने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग कर सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि कोई भी बचेगा नहीं, जांच में पाए गए दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विपक्ष से कहा कि यदि उन्हें ऐसा लगे कि जांच में लीपा-पोती हुई है तो वे अवश्य संज्ञान में लाएं।   

मध्य प्रदेश में तहसील स्तर पर भी बर्न यूनिट 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एम्स सहित अन्य अस्पतालों में 200 से अधिक बैड हरदा के प्रभावितों के लिए रिजर्व किए गए थे। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए हमें तहसील व जिला स्तर पर भी बर्न यूनिट की तैयारी रखना चाहिए। यह ऐसी व्यवस्था है जो आवश्यकता होने पर प्रभावित को तुरंत उपलब्ध होना चाहिए। प्रधानमंत्री, राज्य शासन तथा एनजीटी के निर्देशों के अनुसार प्रभावितों को राहत उपलब्ध कराई जाएगी। 

मध्य प्रदेश में आतिशबाजी बनाने के 305 कारखाने सील किए गए

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी 55 जिलों के साथ एक साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग करके प्रदेश में एक साथ जांच दल गठित कर, विस्फोटक लाइसेंसों के संबंध में सभी जिलों से रिपोर्ट बुलवाई गई। मंडला में 17, दतिया में 4, मुरैना में 5, जबलपुर में 123, शिवपुरी में 10, ग्वालियर में 26, डिंडोरी में 6, छिंदवाड़ा में 72, कटनी में 6, शहडोल में 29, अशोक नगर में 7, संस्थानों की जांच एक साथ आरंभ कराई गई। हरदा में 12 विस्फोटक लाइसेंस सील किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दो बिंदुओं पर जांच की जा रही है, गोडाउन व माल कहां है तथा कितनी सामग्री रखने की पात्रता है। पात्रता से अधिक माल पाए जाने पर केस बनाया जा रहा है। हरदा में विस्फोटक लायसेंस की सीमा से अधिक मात्रा में विस्फोटक सामग्री लेने की बात सामने आई है।   

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