मध्य प्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ लोन घोटाले में क्षेत्रीय अधिकारी श्री अरुण कुमार मेहरा सहित इस मामले के सभी आरोपी श्री राजकुमार पंचोली, श्रीमती चंद्रकला और श्रीमती कलसुम बी को, राजधानी भोपाल की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गठित स्पेशल कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश श्री राजीव के पाल ने, दोषी घोषित करते हुए 3-3 साल जेल एवं 15-15 हजार रुपए अर्थ लैंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन की कहानी
श्री अरुण कुमार मेहरा वर्ष 1994-95 से वर्ष 1998-99 के मध्य प्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ में क्षेत्रीय अधिकारी के पद पर थे। श्री मेहरा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए श्री राजकुमार पंचौली, कुलसुम बी एवं चन्द्रकला बाथम जो कि गंगा जमना गृह निर्माण सहकारी संस्था के सदस्य होकर आवास संघ के ऋणी थे, फर्जी उपयोगिता प्रमाण और फर्जी भवन अनुज्ञा तैयार कर ऋण की राशि दी गई। जिसके बाद सभी आरोपितों पर भारतीय दंड विधान की धारा 420 सपठित धारा 120-ख, 467, 468, 471 एवं धारा 409 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था।
इस मामले में मामले में 9 आरोपित फरार हैं और एक की मृत्यु हो चुकी है। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक हेमलता कुशवाहा और महेंद्र सिंह दांगी ने प्रकरण में पैरवी की। सभी पर आरोप है कि, उन्होंने अब से 9 साल पहले मध्य प्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ से 80-80 हजार रुपए एवं श्रीमती चंद्रकला बाथम ने 90 हजार रुपए होम लोन लिया था परंतु डॉन के पैसे से घर नहीं बनाया बल्कि उसका दूसरा कोई उपयोग किया।
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