Legal general knowledge and law study notes
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 100 का खण्ड 05 कहता है कि अगर कोई व्यक्ति आपका अपहरण या किडनैपिंग करता है तो व्यक्ति आपनी सुरक्षा के लिए निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का उपयोग कर सकता है अर्थात स्वयं को बचाने के लिए अपहरणकर्ता की हत्या भी कर सकता है। इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय जिसमें बहन को जबरदस्ती ले जा रहे जीजा की साले ने हत्या कर दी वह दोषमुक्त कर दिया गया जानिए :-
विश्वनाथ बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामला (प्रसिद्ध वाद) - Right of Private Defence
इस मामले में पति अपनी पत्नी को लेने ससुराल गया परन्तु उसका ससुर, पत्नी को भेजने के लिए सहमत नहीं था। उसकी मर्जी के विरुद्ध पति ने अपनी पत्नी को साथ ले जाने के उद्देश्य से घसीटना प्रारम्भ कर दिया, जब पत्नी के भाई ने अपनी बहन को इस प्रकार घसीटे जाते देखा तो उसने अपने बहनोई पर चाकू से बार किया जिससे उसके जीजा की मौत हो गई। आरोपी के विरुद्ध हत्या का आरोप लगा। आरोपी ने अपने बचाव में यह तर्क प्रस्तुत किया कि उसे अपने बहनोई द्वारा किए गए पत्नी को उसकी मर्जी के विरुद्ध घसीटने के कार्य के प्रतिरोध में अपनी बहन के शरीर की प्रतिरक्षा का अधिकार प्राप्त था। क्योंकि जीजा ने अपहरण के लिए हमला किया था। न्यायालय ने आरोपी का बचाव मान्य करते हुए उसे दोषमुक्त कर दिया।
इसी संबंध में दरोगा बनाम सम्राट मामले मे न्यायालय ने कहा की किसी व्यक्ति को उसकी मर्जी के खिलाफ उसके घर, निवास या जहां वह है, वहां से उठाना, अपहरण का अपराध होता है। ऐसी स्थिति में वह अपनी प्रतिरक्षा कर सकता है। अथवा उसके संबंधी, परिवार के लोग या अन्य कोई भी नागरिक उसको अपहरण से बचने के लिए, प्रतिरक्षा के अधिकार का उपयोग कर सकता है। अपहरणकर्ता पर बल प्रयोग कर सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद 9827737665), इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com