MP karmchari news - सहकारी अधिकारी को 10 साल की जेल, इंदौर कोआपरेटिव बैंक का मामला

Bhopal Samachar
सेवा सहकारी समिति मर्यादित, बरलई, सांवेर में समिति मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे नवल सिंह को इंदौर न्यायालय द्वारा 10 साल जेल और ₹10000 जुर्माना की सजा सुनाई है। इस मामले में न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि, सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों से उच्च कोटि की नैतिकता एवं ईमानदारी की अपेक्षा की जाती है। भ्रष्ट लोक सेवक न्यायिक उदारता का अधिकारी नहीं है। 

घटनाक्रम 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच का है। इंदौर प्रीमियर कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड, इंदौर के मैनेजर ओमप्रकाश चौहान ने 5 फरवरी 2021 को पुलिस थाना शिप्रा में लिखित शिकायत की थी। इसमें बताया गया था कि संस्था से संबद्ध सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, बरलई सांवेर में वित्तीय वर्ष 2018-19 के ऑडिट में संस्था के रासायनिक खाद स्टॉक के 24 लाख रु. कम पाए गए। इसके लिए समिति के मैनेजर नवलसिंह जिम्मेदार पाया गया है। 
पुलिस ने मामला दर्ज करके फिर से जांच की एवं आरोपी ब्रांच मैनेजर नवल सिंह को अपना पक्ष रखने का मौका दिया परंतु पुलिस की जांच में भी ब्रांच मैनेजर दोषी पाए गए। पुलिस ने नियमानुसार चार्ट शीट सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। दंड निर्धारण से पहले न्यायालय ने आरोपी ब्रांच मैनेजर नवल सिंह को बचाव करने का मौका दिया परंतु न्यायालय की कार्रवाई में भी आरोपी ब्रांच मैनेजर नवल सिंह दोषी पाए गए। इसके बाद माननीय न्यायालय ने नवल सिंह को अपराधी घोषित करते हुए 10 साल जेल की सजा एवं ₹10000 जुर्माना से दंडित किया है। 

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