मध्य प्रदेश के सरकारी महाविद्यालय में प्राध्यापक के रिक्त पदों के विरुद्ध विरुद्ध सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों की उपस्थिति अब उच्च शिक्षा विभाग ने सार्थक एप से करवाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। विशेष कर्तव्य अधिकारी डॉ अजय अग्रवाल ने बकायदा पत्र जारी किया है। जिसके आधार पर अतिथि विद्वानों को 10 फरवरी 2024 तक ऑन बोर्ड किया जाना है।इसके लिए संबंधित महाविद्यालयों को उनके मेल में आईडी पासवर्ड बनाकर भेजे जा रहे हैं।
अतिथि विद्वानों की ऑनलाइन उपस्थिति भोपाल से शुरू होगी
वहीं रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा, जिसके अनुसार पहले चरण में भोपाल जिले के अतिथि विद्वानों को 14 फ़रवरी 2024 दोपहर 12 बजे का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद क्रमशः पूरे प्रदेश के अतिथि विद्वानों पर ये लागू किया जा सकता है। अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह का कहना है कि अतिथि विद्वानों की उपस्थित भी प्राध्यापकों के जैसे ही होनी चाहिए। डॉ सिंह ने बताया की अतिथि विद्वानों के भरोसे ही महाविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। अतिथि विद्वान तो कई जगह प्राचार्य का कर्तव्य भी निभा रहे हैं। अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करने की तरफ़ सरकार कदम उठाए।
डॉ आशीष पांडेय, मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ का कहना है कि, सरकार एवं शीर्ष अधिकारियों से निवेदन है कि इन सब मामलों से अतिथि विद्वानों की समस्या नहीं सुलझेगी।अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करें एवं भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादे 50 हजार फिक्स वेतन एवं 65 वर्ष उम्र तक अतिथि विद्वानों की सेवा जारी रखने का आदेश जारी हो तो अपने आप सब समस्या का समाधान हो जाएगा।अगर सरकार और शीर्ष अधिकारी संवेदनशील है तो अतिथि विद्वानों के हित में निर्णय लें।
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