आने वाले कुछ दिनों में भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ स्क्रीन पर फ्लैश हो सकती है। मध्य प्रदेश के एक प्रख्यात और विद्वान नेता को भारत की सबसे हॉट पॉलिटिक्स के केंद्र में स्थापित करने के विचार को लगभग हर स्तर पर समर्थन मिल गया है। अब डिसीजन से पहले विचार विमर्श का फाइनल राउंड चल रहा है।
प्रस्तावित पदस्थापना से क्या होगा
यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है और इस पर कई स्तर एवं चरण में विचार विमर्श किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह निर्णय भारतीय राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा। यह फैसला लोकसभा चुनाव को भी प्रभावित करेगा और केंद्र सरकार के प्रति एक बहुत बड़े वर्ग में अटूट विश्वास स्थापित करने का काम करेगा। इस फैसले के कारण भारत का एक बड़ा वर्ग और उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ दूसरा बड़ा वर्ग, सन 1947 से चले आ रहे हैं दर्द में थोड़ी राहत महसूस करेगा। एक बात बिल्कुल सुनिश्चित है कि यदि यह फैसला हुआ तो इस पर टीवी चैनलों में कई दिनों तक डिबेट चलती रहेगी।
डिसीजन में देरी क्यों हो रही है
दरअसल जिस नेता के विषय में विचार चल रहा है, उसकी पर्सनल प्रोफाइल काफी आकर्षक है। वह विद्वान है। उसे भारत की संसदीय परंपराओं का ज्ञान है। वह सफल इंसान है और विनम्र भी है। उसने आवेश में आकर अब तक कोई गलती नहीं की है। दबाव को सहन करने की क्षमता है और अवसर आने पर अपने 100% का प्रदर्शन करते हुए सफलता के शिखर तक पहुंच जाने की ताकत भी है। टोटल 36 में से 35 गुण मिल गए हैं, लेकिन फिर भी हर एक एंगल से विचार किया जा रहा है ताकि जब डिसीजन सुनाया जाए तो सिर्फ तालिया की गड़गड़ाहट हो, कहीं से कोई प्रश्न ना आए, क्योंकि मध्य प्रदेश का यह नेता फिलहाल कांग्रेस पार्टी में है। ✒️ उपदेश अवस्थी।