डेफ केन फाउण्डेशन के प्रतिनिधियों ने आज मंत्रालय में परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह से मुलाकात की। उन्होंने ज्ञापन देकर परिवहन मंत्री से मांग की कि अन्य प्रदेशों की तरह मध्यप्रदेश में भी मूक-बधिरों के परीक्षण के बाद ड्रायविंग लायसेंस तैयार किये जायें।
दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है
संस्था की सचिव सुश्री प्रीति सोनी ने बताया कि तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात में मूक-बधिरों को ड्रायविंग लायसेंस सामान्य व्यक्तियों के साथ ही समस्त औपचारिकता के बाद दिये जा रहे हैं। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश जारी किये हैं।
परीक्षण के बाद मध्यप्रदेश में भी बनेंगे लायसेंस
परिवहन मंत्री श्री सिंह ने चर्चा के बाद प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि परीक्षण के बाद मध्यप्रदेश में भी मूक-बधिरों के ड्रायविंग लायसेंस बनाये जायेंगे। इसके लिये विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किये जा रहे हैं।
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