कमलनाथ, भाजपा के दरवाजे से बैरंग लौटे, पढ़िए पर्दे के पीछे क्या हुआ - MP NEWS

Bhopal Samachar
कांग्रेस पार्टी एवं गांधी परिवार द्वारा नकार दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पहुंचे कमलनाथ को भाजपा के दरवाजे से बैरंग वापस लौटना पड़ा। जय श्री राम का नारा लगा कर दिल्ली पहुंचे सज्जन सिंह वर्मा ने उनसे मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया कि, वह तो लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए दिल्ली आए हैं। 

कमलनाथ के बारे में सज्जन सिंह वर्मा का ताज बयान सुनिए

कमलनाथ के सबसे नजदीकी नेता सज्जन सिंह वर्मा ने आज सुबह सोशल मीडिया पर " तेरे राम, मेरे राम, तुझ में भी राम, मुझ में भी राम, जय श्री राम" लिखकर दिल्ली पहुंचे। खबर की पुष्टि हो गई थी और स्पष्ट हो गया था कि सज्जन सिंह वर्मा एवं अन्य कुछ विधायक एवं जनप्रतिनिधि कमलनाथ के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। दिल्ली के सूत्रों ने बताया था कि रविवार की शाम को यह औपचारिक कार्यक्रम किया जाएगा परंतु रविवार की शाम कमलनाथ अपने घर से बाहर ही नहीं निकले। उनकी जगह पर सज्जन सिंह वर्मा निकल कर आए। श्री वर्मा ने कहा कि, जब मैं अंदर पहुंचा तो वह चार्ट लिए बैठे थे। लोकसभा टिकट मध्य प्रदेश में कैसे बाटेंगे। जातीय समीकरण क्या होंगे। मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर क्या रणनीति होगी। इसकी तैयारी कर रहे थे। श्री वर्मा का कहना है कि, कमलनाथ ने उनको कहा है कि भारतीय जनता पार्टी में जाने का ना तो उनका कोई विचार है और ना ही किसी से कोई चर्चा हुई है। (इस बयान का वीडियो समाचार में सबसे नीचे लगा दिया गया है)। कुल मिलाकर कहानी का पटाक्षेप हो गया है। कमलनाथ अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं हो पाएंगे। 

खबर मीडिया ने फैलाई थी या कमलनाथ ने

श्री कमलनाथ ने कहा कि मैं कभी किसी से कुछ नहीं कहा है। लोग अपने आप अंदाज लग रहे हैं। सवाल यह है कि कमलनाथ के भाजपा में जाने की खबर मीडिया ने फैलाई थी या फिर खुद कमलनाथ ने। थोड़ी छानबीन करेंगे तो पता लगेगा कि सबसे पहले उन्हीं पत्रकारों ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की संभावना वाले समाचार पब्लिक किए थे, जिन्हें कमलनाथ अक्सर अपनी मदद के लिए बुलाते रहते हैं।
  • क्या कारण था कि पिछले 15 दिनों में कमलनाथ ने एक बार भी नहीं कहा "मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं..."। 
  • क्या कारण है कि छिंदवाड़ा की कार्यक्रम अचानक निरस्त करके कमलनाथ दिल्ली आ गए। जो चार्ट लेकर कमलनाथ दिल्ली में बैठे हैं, वह चार्ट दिल्ली से छिंदवाड़ा भी आ सकता था। 
  • कमलनाथ को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए किसने अधिकृत किया है। 
  • कमलनाथ को लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए किसने अधिकृत किया है। 
  • कमलनाथ के सुपुत्र नकुलनाथ ने अपने सोशल मीडिया बायो से कांग्रेस पार्टी का नाम और झंडा क्यों हटाया। 

पढ़िए पर्दे के आगे और पर्दे के पीछे क्या हुआ

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने खुलकर मनमानी की। राहुल गांधी की बात तक नहीं मानी। इंडिया गठबंधन का कार्यक्रम निरस्त करके खुद को राहुल गांधी से बड़ा नेता बताया। 
  1. चुनाव हार जाने के बाद दिल्ली में कांग्रेस हाई कमान ने इसके लिए कमलनाथ को जिम्मेदार बताया और इस्तीफा की मांग की। 
  2. कमलनाथ ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। 
  3. हाई कमान ने कमलनाथ को हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। 
  4. किसी जमाने में इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे रहे कमलनाथ आज मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के विधायक मात्र हैं। 
  5. कमलनाथ को कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई पद और कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। 
  6. जब छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव की बात चली तो कमलनाथ ने ऐलान कर दिया कि नकुलनाथ चुनाव लड़ेंगे। 
  7. सोनिया गांधी ने कमलनाथ को दिल्ली बुलाया, स्पष्ट निर्देश दिए गए की टिकट का निर्धारण दिल्ली से होगा। 
  8. कमलनाथ को चेतावनी दी गई कि छिंदवाड़ा से कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी कौन होगा, इसको लेकर कोई बयान नहीं देंगे। 
  9. कांग्रेस पार्टी में यह कमलनाथ का अंत था। कमलनाथ ने भाजपा में शामिल होने के लिए प्रयास तेज कर दिए। 
  10. भाजपा नेताओं से उनकी पुरानी मित्रता है, इसके चलते उनकी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत भी हो गई। 
  11. इधर जैसे ही भाजपा की जमीन कार्यकर्ताओं को इस समाचार की पुष्टि हुई तो उन्होंने कमलनाथ का खुलकर विरोध किया। 
  12. मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तो स्पष्ट कह दिया कि, मध्य प्रदेश में कमलनाथ के लिए कोई जगह नहीं है। दिल्ली में कुछ होता है तो अलग बात है। 
  13. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना दौरा कार्यक्रम निरस्त किया और दिल्ली में कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 
  14. 1984 के सिख दंगों के कारण कमलनाथ की जगह उनके बेटे नकुलनाथ को भाजपा में शामिल करने की योजना थी। 
  15. कमलनाथ यहां तक तैयार हो गए थे कि वह राजनीति से संन्यास की घोषणा कर देंगे। उनके बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा का लोकसभा टिकट दिया जाए। 
  16. सब कुछ ठीक जा रहा था परंतु भाजपा की जमीन कार्यकर्ताओं की आवाज दिल्ली में जोर से गूंज उठी। 
  17. भाजपा कार्यकर्ताओं की आवाज इतनी ज्यादा तेज थी की कमलनाथ की सारी रणनीति हवा हो गई। 
  18. अब कमलनाथ चार्ट लेकर बैठे हैं। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!