मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मादक पदार्थों से बचने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत प्रत्येक स्कूल में प्रहरी क्लब बनाया गया है और एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी नोडल शिक्षकों के लिए बाल आयोग की तरफ से निर्देश जारी हुआ है।
राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा
प्रदेश में स्कूल शिक्षण संस्थानों में बच्चों में नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम के लिये प्रहरी क्लब गठित किये गये हैं। इन प्रहरी क्लबों के गठन और काम-काज के विश्लेषण के लिये प्रहरी पोर्टल का निर्माण किया जा रहा है। यह पोर्टल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा तैयार किया जा रहा है। पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। प्रहरी क्लब से संबंधित नोडल शिक्षकों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दी गई लिंक prahariclub ncpcrweb in पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिये कहा गया है।
मध्य प्रदेश के 53 सरकारी स्कूलों में ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पाठ्यक्रम का दावा
संयुक्त संचालक जनसंपर्क मध्य प्रदेश शासन श्री मुकेश मोदी ने दावा किया ही कि मध्य प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पाठ्यक्रम की जानकारी देने के लिये राज्य ओपन स्कूल बोर्ड ने 53 चयनित सरकारी स्कूलों में शुरूआत की है। श्री मोदी ने अपने दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज अटैच नहीं किया और ना ही उन 53 सरकारी स्कूलों के नाम बताएं हैं जहां पर कोर्स चल रहा है, लेकिन इसके एक कदम आगे बढ़ते हुए यह बताया है कि, पाठ्यक्रम जून-2022 से पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। श्री मुकेश मोदी शिक्षाविद नहीं है परंतु उनका कहना है कि उक्त पाठ्यक्रम से चयनित स्कूलों के विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीक सिखाने में सहायता मिल रही है। इससे विद्यार्थियों को भविष्य में रोजगार के अवसर प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
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