मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के स्ट्रीट डॉग्स में रेबीज का भारी संक्रमण देखने को मिल रहा है। आए दिन कई कुत्ते सड़कों पर मरे पड़े हुए मिल रहे हैं। रेबीज के संक्रमण में आने के कारण ही स्ट्रीट डॉग्स दूसरों को काट रहे हैं। वह केवल मनुष्य को नहीं काट रहा है बल्कि गाय भैंस इत्यादि दूसरे जानवरों को भी काट रहे हैं। सरकार के पास सही आंकड़े नहीं हो सकते क्योंकि ज्यादातर लोग सफाई कर्मचारियों को रिश्वत देकर लावारिस जानवरों की डेड बॉडी को ठिकाने लगवा देते हैं।
BHOPAL NEWS - पिछले 25 सालों में ऐसा संक्रमण नहीं देखा
डॉ. ब्रजेश गुप्ता, सर्जन, पशु आश्रय स्थल, आसरा कहते हैं कि उन्होंने पिछले 25 सालों में कुत्तों में रेबीज का इतना खतरनाक संक्रमण नहीं देखा है। शहर के पशु चिकित्सकों ने यह तो माना कि रैबीज का संक्रमण बेतहाशा फैल गया है। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। चिंता की बात यह है कि संक्रमण की वजह पता नहीं है। कुत्ते रेबीज के संक्रमण से तब पीड़ित होते हैं जब उनके ऊपर कोई दूसरा जंगली जानवर हमला करता है, लेकिन भोपाल में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसके कारण स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।
BHOPAL TODAY - डॉग बाइट के बिना भी मनुष्य में रेबीज फैल सकता है
रेबीज का संक्रमण एक खतरनाक बीमारी है। इससे पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु सुनिश्चित होती है और मरने से पहले उसे बहुत कष्ट होता है। उसकी हालत इतनी खराब हो जाती है कि उसके सभी परिजन उसकी मृत्यु की कामना करने लगते हैं। ज्यादातर लोग मानते हैं कि रेबीज के संक्रमण से युक्त कुत्ते के काटने से मनुष्य में रेबीज का संक्रमण होता है परंतु इसके अलावा भी मनुष्य में रेबीज फैल सकता है।
- यदि रैबीज से संक्रमित जानवर (कुत्ता या कोई और) से किसी व्यक्ति को खरोंच लग जाती है, और उसमें संक्रमित जानवर की लार शामिल होती है तो मनुष्य तत्काल संक्रमित हो जाता है।
- यदि किसी संक्रमित जानवर की लार का थोड़ा सा भी अंश मनुष्य की आंख, नाक अथवा मुंह के जरिए श्लेष्मा झिल्ली के संपर्क में आ जाता है तो मनुष्य तत्काल संक्रमित हो जाता है।
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