मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित श्री कमलनाथ के सरकारी निवास से जैसे ही कांग्रेस पार्टी के बैनर और पोस्टर हटाए गए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में ताला लगाकर प्रदेश अध्यक्ष गायब हो गए। अब जबकि लौट के कमलनाथ कांग्रेस में आ गए हैं, जीतू पटवारी ने विधायकों और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी का हाई वोल्टेज ड्रामा
कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी का हाई वोल्टेज ड्रामा, कब शुरू हुआ जब कमलनाथ छिंदवाड़ा के सभी कार्यक्रमों को अचानक निरस्त करके दिल्ली चले गए। इससे पहले तक जो कुछ भी था सब अनुमान थे, परंतु नकुलनाथ का सोशल बायो से कांग्रेस को हटाना और कमलनाथ का सभी कार्यक्रम निरस्त करके अचानक दिल्ली चले जाना। सभी समाचारों की पुष्टि कर गया। इस दौरान यह भी खबर आई कि कांग्रेस पार्टी के विधायक एवं अन्य पदों पर पदस्थ कम से कम 30 जनप्रतिनिधि कमलनाथ के साथ भाजपा में शामिल होंगे। सज्जन सिंह वर्मा तो "जय श्री राम" का नारा लगाकर दिल्ली ही पहुंच गए थे। फिर क्या हुआ सबको पता है। अब ताजा समाचार यह है कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को एक आवश्यक बैठक में बुलाया है।
जीतू पटवारी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है या कमलनाथ के प्रवक्ता
रविवार की शाम जब दिल्ली में कमलनाथ के निजी समर्थक सज्जन सिंह वर्मा ने बयान दे दिया तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी कैमरे के सामने आ गए। उन्होंने कहा कि, 'मेरी कमलनाथ जी से बात हुई है। उन्होंने कहा कि मीडिया में जो बातें आ रही हैं, ये भ्रम हैं। मैं कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा।' प्रश्न यह है कि जीतू पटवारी, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं या कमलनाथ के प्रवक्ता। जो बयान कमलनाथ को देना चाहिए था वह जीतू पटवारी क्यों दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते जीतू पटवारी को पूछना चाहिए था कि अचानक दिल्ली कैसे पहुंचे और आपके घर पर कांग्रेस पार्टी के विधायकों एवं नेताओं की उपस्थिति क्यों है।
बैठक में क्या होगा, क्या लोकसभा की टिकट कमलनाथ बाटेंगे
कमलनाथ इस्तीफा तो पहले ही दे चुके थे। भाजपा में शामिल होने गए थे। सफल नहीं हो पाए तो आप वापस कांग्रेस में लौट रहे हैं। बैठक का केंद्र बिंदु कमलनाथ ही होंगे, लेकिन एक प्रश्न फिर से खड़ा हो गया है। श्री सज्जन सिंह वर्मा ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि कमलनाथ जी दिल्ली में चार्ट लेकर बैठे थे और लोकसभा टिकट वितरण की रणनीति बना रहे थे। तो क्या उन्होंने मध्य प्रदेश में पूरी कांग्रेस पार्टी और सभी दावेदारों के बीच यह मैसेज लाउड एंड क्लियर कर दिया है कि लोकसभा का टिकट कमलनाथ बाटेंगे।
हालात जीतू पटवारी के हाथ से निकले, प्रदेश प्रभारी भोपाल आएंगे
हालात जीतू पटवारी के हाथ से निकल गए हैं। वह ना तो कांग्रेस पार्टी के विधायकों और नेताओं को कंट्रोल कर पाए और ना ही कमलनाथ मामले में एक प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका निभा पाए। परिस्थितियों को नियंत्रण में लेने के लिए प्रदेश प्रभारी श्री भंवर जितेंद्र सिंह भोपाल आ रहे हैं। प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को बैठक बुलाई है। सभी विधायक और वरिष्ठ नेता इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
एमपी कांग्रेस में टूट की खबरों को लेकर प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। जितेंद्र सिंह कल मंगलवार को राजधानी भोपाल आएंगे। जहां वे विधायकों से वन टु वन चर्चा करेंगे। भंवर सिंह कल सुबह 10.30 बजे विधायकों की बैठक लेंगे। आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि, विधायकों को लोकसभा चुनाव और भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर चर्चा करने का बोलकर बुलाया गया है।
मनोनीत नेता प्रतिपक्ष तो पिक्चर से ही गायब है
मनोनीत नेता प्रतिपक्ष महोदय पूरी पिक्चर से ही गायब है। यदि कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के निर्वाचित नेता होते तो उन्हें अपने विधायकों के जाने की चिंता होती और विधायकों की बैठक को वह स्वयं कॉल करते।
⇒ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।