राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि RBL BANK में फिक्स डिपाजिट के नाम पर करोड़ों रुपए की गड़बड़ी की गई है। पूरा पैसा एक व्यक्ति के पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है। RGPV के डॉक्यूमेंट में जिस अकाउंट नंबर को RBL BANK में RGPV के नाम बताया गया है, असल में वह अकाउंट नंबर AXIS BANK में किसी मयंक नाम के व्यक्ति के नाम पर है।
RBL BANK और RGPV के बीच वित्तीय व्यवहार में गड़बड़ी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय मंत्री शालनी वर्मा ने बताया कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में छात्रों के करोड़ों रुपए के चेक एफडी कराने के नाम पर हेरफेर कर निजी व्यक्ति के खाते में डाल दिए गए। यह चेक संस्थान के रजिस्ट्रार और कंट्रोलर फाइनेंस के हस्ताक्षर से जारी किए गए। फर्जीवाड़ा पकड़ में न आए इसलिए संस्थान के दस्तावेजों में चेक में खाता नंबर तो वही दिखाया, जिसमें पैसा गया, लेकिन इस खाते को आरजीपीवी का बताया गया। पूरे फर्जीवाड़े का पैसा कुमार मयंक नामक जिस व्यक्ति के खाते में गया, वह आरबीएल में रीजनल मैनेजर था। हेरफेर इस कदर की गई कि आरजीपीवी जिस खाते को आरबीएल में अपना बता रहा है, वह खाता कुमार मयंक के नाम पर एक्सिस बैंक में है।
कुलपति को छुट्टी पर भेज कर जांच करने की मांग
एबीवीपी के प्रांत मंत्री संदीप वैष्णव ने कहा कि छात्रों के पैसों को लेकर किए गए भ्रष्टाचार की एबीवीपी निन्दा करती है एवं रजिस्ट्रार को तुरंत पद से बर्खास्त करने की एवं शासन से इस भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है। एवं यह भी मांग करती है, कि जांच प्रभावित न हो एवं उसकी पारदर्शिता बनी रहे इसलिए जांच पूरी होने तक कुलपति को तुरंत प्रभाव से छुट्टी पर भेजा जाए और जब तक शासन अभाविप की यह मांग नहीं मानता है तब तक अभाविप का यह धरना प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
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