यदि आप होटल के बिजनेस को समझते हैं अथवा अपना कोई होटल खोलना चाहते हैं लेकिन उसके लिए पर्याप्त कैपिटल इन्वेस्टमेंट नहीं है या फिर अपना होटल चलाने के लिए समय नहीं है तो आप भारत के सबसे लग्जरी होटल चलाने वाली 39 साल पुरानी कंपनी में निवेश करके उसके साझेदार बन सकते हैं।
About Juniper Hotels Limited in Hindi
जुनिपर होटल्स लिमिटेड कंपनी, भारत में लग्जरी होटल की श्रृंखला संचालित करने वाली प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना सितंबर 1985 में हुई थी। Arun Kumar Saraf, & Saraf Hotels Limited, Two Seas Holdings Limited and Juniper Investments Limited इसके प्रमोटर्स हैं। कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। Grand Hyatt Mumbai Hotel and Residences, भारत का सबसे लग्जरी होटल है जो इस कंपनी की प्रॉपर्टी है। के अलावा हयात रीजेंसी लखनऊ और हयात रीजेंसी अहमदाबाद अपने-अपने बाजार सबसे लग्जरी अपस्केल होटल हैं।
इस कंपनी के होटल और सर्विस अपार्टमेंट मुंबई के अलावा दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ, रायपुर और हंपी में स्थित है। दिनांक 30 सितंबर 2023 की स्थिति में कंपनी के पास 7 होटल और सर्विस अपार्टमेंट थे जिसमें कुल 1836 कमरे हैं। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 1631 है।
Juniper Hotels Limited Financial Information
कंपनी दावा करती है कि उसका रेवेन्यू पिछले 1 साल में 08.66% और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 99.2% बढ़ गया है। कंपनी के आंकड़े बताते हैं कि कंपनी पर बैंक लोन और बाजार की उधारी लगातार बढ़ती जा रही है, यही कारण है कि 3000 करोड़ का रेवेन्यू होने के बाद भी कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 30 सितंबर 2023 की स्थिति में -26.50 करोड रुपए था। यानी 39 साल पुरानी कंपनी, जो भारत के सबसे लग्जरी होटल की मालिक है, आज की स्थिति में घाटे में चल रही है।
Juniper Hotels IPO open closing listing rate
- कंपनी का आईपीओ दिनांक 21 फरवरी को ओपन होगा।
- Juniper Hotels IPO की क्लोजिंग डेट 23 फरवरी 2024 है।
- अलॉटमेंट 26 फरवरी और रिफंड 27 फरवरी को होंगे।
- डिमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट 27 फरवरी को होंगे।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी की लिस्टिंग डेट 28 फरवरी 2024 निर्धारित की गई है।
39 साल बाद समझ में आया बैंक से लोन अच्छी बात नहीं है
यह कंपनी स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टर्स से 1800 करोड रुपए कलेक्ट करने के लिए आई है। फिलहाल प्रमोटर्स के पास 100% शेयर्स है। इसलिए इस कंपनी का आईपीओ सब्सक्राइब करने वाले सभी लोगों को फ्रेश इशू मिलेंगे। कंपनी इन पैसों से अपने बैंक लोन और बाजार की उधारी चुकाई ताकि वह घाटे से प्रॉफिट में आ सके। सरल शब्दों में कहें तो कंपनी बैंक का लोन चुकाने के लिए शेयर मार्केट में बिना ब्याज का लोन यानी इन्वेस्टमेंट लेने आई है। बैंक को ब्याज अदा करना पड़ता है। यहां शेयर होल्डर्स को प्रॉफिट में से उसका हिस्सा दिया जाएगा। कुल मिलाकर बैंक का डंडा चलना बंद हो जाएगा।
डिस्क्लेमर:- कृपया इन्वेस्टमेंट का डिसीजन बनाने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह मशवरा जरूर करें एवं हमेशा ध्यान रखें कि स्टॉक मार्केट में जब आप इन्वेस्ट करते हैं तो उसका सारा जोखिम हमेशा सिर्फ आपका होता है।
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