BNS 56, IPC 116 - कर्मचारी को रिश्वत के लिए उकसाने की कोशिश करने वाले को दंडित करने का प्रावधान

Legal general knowledge and law study notes 

कोई व्यक्ति, सरकारी अधिकारी को रिश्वत लेने के लिए उकसाता है और सरकारी अधिकारी रिश्वत न ले तो क्या रिश्वत देने वाले पर अपराध बनेगा? दूसरा प्रश्न है कि अगर कोई व्यक्ति किसी को झूठा साक्ष्य या गवाही देने के लिए उकसाता है और व्यक्ति झूठी गवाही या साक्ष्य नहीं देता है तब क्या उकसाने वाले व्यक्ति को दण्ड मिलेगा जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 56, भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 116 की परिभाषा 

1. यदि कोई व्यक्ति, किसी व्यक्ति को कोई कारावास से संबंधित अपराध का दुष्प्रेरण करता है और दुष्प्रेरित व्यक्ति उस अपराध को नहीं करता है तब दुष्प्रेरक व्यक्ति को उस दण्ड की अधिकतम सजा का एक चौथाई भाग से दण्डित किया जाएगा या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

2. यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक (शासकीय अधिकारी, कर्मचारी आदि) को रिश्वत देने की कोशिश करता है या उससे उसके पद पर रहते हुए गलत काम करवाता है और लोक सेवक ऐसा अवैध कार्य नहीं करता है, तब दुष्प्रेरक को उस सजा के आधे भाग से दण्डित किया जाएगा।

इस धारा के अपराध संज्ञेय/असंज्ञेय, जमानतीय/अजमानतीय दोनों प्रकार के अपराध हो सकते हैं एवं इनका विचारण उस न्यायालय में होगा जहां पर दुष्प्रेरित अपराध का विचारण चल रहा हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद), इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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