Legal general knowledge and law study notes
किसी महिला का पीछा करना, इन्टरनेट के माध्यम से उसकी गतिविधियों पर नजर रखना आदि भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354घ के अंतर्गत अपराध होता है, लेकिन महिला का पीछा करने के उद्देश्य कोई आपराधिक सोच का होना अति-आवश्यक है बेसिक पीछा करना अपराध नहीं होगा। इसके निम्न अपवाद भी है जानिए:-
आईपीसी की धारा 354d के अपवाद
1. ऐसा कार्य जो किसी अपराध निवारण या पता लगाने के प्रयोजन से किया गया है अपराध नहीं होगा।
2. किसी विधि के अधीन किसी शर्त या अपेक्षा अनुसार किया गया पीछा या जासूसी अपराध नहीं होगी।
3. किसी विशिष्ट परिस्थितियों में न्यायोचित आचरण के लिए की गई जासूसी या पीछा करना अपराध नहीं होगा।
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 77(iii) अथवा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354घ (iii) की परिभाषा
किसी स्त्री को इस प्रकार से देखना या उसकी जासूसी करना जिससे उसके मन मे गंभीर भय, डर, हिंसा जैसी भावना उत्पन्न हो तब ऐसे व्यक्ति पर IPC की धारा 354घ(iii) एवं BNS की धारा 77(iii) के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 77-3 or Indian Penal Code Section 354D-3 - Provision of punishment
1. इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं, इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए तीन वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है।
2. लेकिन अगर कोई व्यक्ति दूसरी बार यही अपराध करता एक बार दोषसिद्ध के बाद तब यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होगा एवं सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा होगी। इस अपराध के लिए अधिकतम पाँच वर्ष की कारावास एवं जुर्माना से दण्डित किया जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद), इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com