कलामढ़ की काव्य का काला सच - INDORE का VIDEO मिला, सागर वाले हर्षित के साथ निमाड़ में है

Bhopal Samachar

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील के अंतर्गत कलामढ़ गांव की लड़की काव्या धाकड़ ने अपने पिता को ठगने के लिए अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में साबित हो गया है कि लड़की कोटा में नहीं बल्कि इंदौर में थी। अपने बॉयफ्रेंड के साथ रह रही थी। पुलिस को वीडियो मिले हैं और अब इंदौर पुलिस के पास गवाहों की लिस्ट भी है। जिन्होंने काव्या के इंदौर में होने की पुष्टि की है। 

इंदौर पुलिस ने खुलासा किया


काव्य के पिता अभी भी कोटा राजस्थान में है और उनका मानना है कि, उन लड़कों ने काव्या को किडनैप कर लिया है जो इंदौर में उसे परेशान कर रहे थे। जबकि इन्वेस्टिगेशन के बाद कोटा और इंदौर की पुलिस दावा कर रही है कि, काव्य का अपहरण नहीं हुआ है बल्कि वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ है। विदेश घूमना चाहती थी इसलिए उसने अपने पिता को ठगने के लिए अपने अपहरण की कहानी बनाई। कल कोटा पुलिस ने इस मामले में दावा किया था। उसके बाद पिता रघुवीर धाकड़ ने कोटा पुलिस पर सवाल उठाए थे। आज इंदौर पुलिस ने खुलासा कर दिया है। 

सागर वाले हर्षित के साथ घूम रही है

इंदौर पुलिस ने बताया कि, गुरुवार सुबह पुलिस को काव्या और हर्षित की लोकेशन निमाड़ इलाके में मिली। पुलिस सुबह से इलाके में तलाश के लिए जुट गई है। काव्या ने इंदौर में ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर खुद के किडनैपिंग की साजिश रची। दोस्तों के साथ विदेश जाने के लिए उसने ऐसा किया। इसके लिए पिता को ही वाट्सएप मैसेज कर 30 लाख रुपए फिरौती का मैसेज अज्ञात नाम से भिजवाया था। राजस्थान और मध्यप्रदेश पुलिस के मुताबिक, छात्रा का मानना था कि परिवार बहुत प्यार करता है, यदि उनसे पैसा मांगेंगे तो देंगे। छात्रा ने कुछ दिन पहले अपनी गाड़ी और मोबाइल बेच दिया था। उसने दोस्तों से कहा कि इन पैसों से कुछ दिन खर्च निकल जाएगा।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि इंदौर से दो लड़कों को हिरासत में लिया है। गजेंद्र और अमन नाम के इन लड़कों काे कोटा पुलिस ले गई है। हालांकि, इंदौर पुलिस का कहना है कि इंदौर से सिर्फ गजेंद्र काे हिरासत में लिया गया है। पुलिस लड़की और उसके हर्षित नाम के दोस्त को ढूंढ रही है। हर्षित सागर का रहने वाला है।

दीक्षा हॉस्टल पहुंची थी छात्रा

पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने कोटा पुलिस की मदद के लिए एडिशनल डीसीपी राजेश दंडौतिया की टीम को लगाया। काव्या मंगलवार शाम 4 बजे भंवरकुआ के भोलाराम उस्ताद मार्ग स्थित दीक्षा हॉस्टल पहुंची और कुछ देर वहीं रुकी। कोटा एसपी अमृता दुहान ने बताया कि जो फोटो उसके पिता को फिरौती के लिए भेजे गए थे, वह इंदौर में उसके दोस्त के घर के किचन में शूट कराए गए थे।

ऐसे निकला काव्या का इंदौर कनेक्शन

पुलिस की छापेमारी के बीच बुधवार शाम को एक वीडियो वायरल हुआ था। यह इंदौर का बताया गया। इसमें दो युवक आपस में बात करते नजर आ रहे थे। उसमें से एक युवक एक घर का दरवाजा खटखटाता है। उसके बाद युवती वहां से निकलकर युवक के पीछे जाती दिखाई दे रही है। वायरल वीडियो कब का है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

17 मार्च को जयपुर पहुंची, 18 को इंदौर आ गई

जानकारी के मुताबिक इंदौर पुलिस ने अमन नाम के युवक को भी पकड़ा है। उससे भी पूछताछ की जा रही है। जांच में ये भी सामने आया कि लड़की मंगलवार रात तक इंदौर में ही थी। 17 मार्च को वह जयपुर पहुंची, फिर 18 मार्च को इंदौर आ गई। इंदौर क्राइम ब्रांच ने भंवरकुआ इलाके से गजेंद्र उर्फ ब्रजेश को राजस्थान पुलिस के सुपुर्द किया। छात्रा ने इंदौर में दोस्त के फ्लैट में फोटो-वीडियो बनाया था।

इंदौर में लिव-इन में रह रही थी युवती

अपहरण की खबर जैसे ही वायरल हुई युवती सोमवार को इंदौर से चली गई। हालांकि, जिस युवक के रूम पर फोटो-वीडियो बनाया गया उसे पुलिस पकड़कर राजस्थान ले गई। पकड़े गए युवक ने बताया कि छात्रा अधिकांश वक्त इंदौर में ही रहती थी, लेकिन माता-पिता को कोटा में रहकर पढ़ाई करने की जानकारी दी। उसने अपने दोस्त हर्षित के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची। युवती और हर्षित काफी दिनों से इंदौर में लिव-इन में रह रहे थे।

दोस्त बोला- मेरे फ्लैट पर बना था वीडियो

गजेंद्र ने पुलिस को बताया कि युवती ने वीडियो उसके फ्लैट में ही बनाए थे। किचन में ही पूरे फोटो वीडियो तैयार किए गए। यहां हर्षित भी मौजूद था। छात्रा ने वीडियो बनवाने के बाद उसे अपने पिता के मोबाइल पर भिजवाया था। वह खुद पिता से चैंटिग भी कर रही थी। जब खबर पुलिस तक पहुंची तो दोनों इंदौर छोड़कर चले गए।

15 दिन पहले ही किया था रूम खाली

हर्षित ने करीब 15 दिन पहले अपना रूम खाली किया था। उसे शक था कि युवती जब भी इस तरह का काम करेगी तो उसके परिवार को उसी के ऊपर शक होगा, पुलिस उसका पता ढूंढते हुए इंदौर आ जाएगी। इसके बाद वह गजेंद्र के रूम पर आ गया। छात्रा भी यहां पहुंच गई।

पिता को अफसोस- उसका नंबर चालू कराया

छात्रा के पिता रघुवीर धाकड़ ने बताया कि बेटी इंदौर में राइबोसोम इंस्टीट्यूट से नीट की कोचिंग कर रही थी। यहां कुछ युवकों से परेशान होकर उसे अप्रैल 2023 में घर बुला लिया था। मोबाइल नंबर भी बंद करवा दिया था। बैंक खातों से अटैच होने के कारण नंबर दोबारा चालू कर लिया। यही मेरी बड़ी गलती हो गई।

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