MP NEWS - सतना के बिल्डर संजय अग्रवाल, उनकी पत्नी और बेटी सहित 7 पार्टनर पर FIR के आदेश

Bhopal Samachar
Capetown Heights Satna के बिल्डर संजय अग्रवाल, उनकी पत्नी श्रीमती मधु अग्रवाल और बेटी सुश्री सुमेधा अग्रवाल सहित सभी साथ पार्टनर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 423 के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी वंदना मालवीय द्वारा दिए गए। 

Capetown Heights Satna मामले में आरोपियों के नाम

माननीय न्यायालय में नागेंद्र मिश्रा पिता स्व ठाकुरदीन मिश्रा निवासी इंद्रप्रस्थ नगर सतना द्वारा परिवाद दाखिल किया गया था। सुनवाई और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद पारित आदेश के अनुसार संजय अग्रवाल पिता स्व रामकृष्ण अग्रवाल,मधु अग्रवाल पत्नी संजय अग्रवाल, सुमेधा पुत्री संजय अग्रवाल निवासी पन्ना रोड सतना,कमलेश अग्रवाल पत्नी सीताराम अग्रवाल ,सचिन अग्रवाल पिता सीताराम अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल पिता सीताराम अग्रवाल व कीर्ति अग्रवाल पत्नी सचिन अग्रवाल सभी निवासी गोशाला चौक सतना के खिलाफ परिवाद पंजीबद्ध कर 28 मार्च को अदालत में तलब किया है।

Capetown Heights Satna फ्लैट नंबर 705 और 706 का विवाद

नागेंद्र मिश्रा ने अदालत में परिवाद प्रस्तुत कर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने अपने पुत्र शिवम मिश्रा व पुत्री शुभम् मिश्रा के लिए केप टाउन हाइट्स में 2 फ्लैट बुक कराए थे। इसके लिए दोनो की तरफ से कुल 32 लाख 50 हजार रुपए एडवांस दिए गए थे जिनकी पावती भी उसे केप टाउन हाइट्स में मौजूद रहने वाले कर्मचारियों की तरफ से दी।

अगस्त 2017 में संजय अग्रवाल वगैरह की तरफ से सूचना दी गई थी कि डी टावर कंप्लीट हो गया है लिहाजा शेष राशि जमा कर रजिस्ट्री करा लें लेकिन जब मौके पर जा कर देखा गया तो फ्लैट कंप्लीट नहीं थे। उसमे मनमानी ढंग से फेरबदल भी कर दिया गया था लेकिन बदलाव की जानकारी नहीं दी गई थी। नागेंद्र मिश्रा ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने अक्टूबर 2018 को उसके पुत्र-पुत्री के नाम बुक फ्लैट-704 व 705 गरिमा जैन वरवि आसुदानी को विक्रय कर दिए गए।

बिल्डर ने पत्र का जवाब तक नहीं दिया

जब फरवरी 2019 में उनसे डी टावर कंप्लीट हो जाने पर फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के लिए पत्राचार किया गया तो 25 फरवरी 2023 को यह जानकारी मिली कि फ्लैट किसी और को बेच दिए गए हैं। इस संबंध में आरोपियों को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा गया लेकिन न तो पत्र लिया गया और न ही कोई जवाब दिया गया।

नागेंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने एक राय हो कर उसकी रकम हड़प ली और उसके साथ धोखाधड़ी की। उसने इस बारे में अदालत के समक्ष एडवांस दी गई राशि की रसीदें और उन फ्लैटों की रजिस्ट्री गरिमा जैन और रवि आसुदानी के पक्ष में कराए जाने के दस्तावेज भी पेश किए।

अदालत ने साक्ष्यों के अवलोकन और विचारण के बाद पाया कि नागेंद्र मिश्रा के साथ धोखाधड़ी हुई है लिहाजा उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 व 423 के तहत मामला दर्ज किए जाने का आदेश पारित किया गया। 

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