मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में जिला शिक्षा अधिकारी ने उस अतिथि शिक्षक की सेवाएं समाप्त कर दी जिसने सभी प्रकार के जोखिम लेकर शिवपुरी विकासखंड के मोहनगढ़ परीक्षा केंद्र में सरकारी शिक्षकों द्वारा करवाई जा रही सामूहिक नकल का खुलासा कर दिया था। इस प्रकार का खुलासा करने वाले लोगों को व्हिसल ब्लोअर कहते हैं और विसलब्लोअर को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है।
पहले पढ़िए, मामला क्या है
बुधवार को शिवपुरी विकासखंड के मोहनगढ़ परीक्षा केंद्र का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें केंद्र के बाहर कुछ लोग नकल सामग्री तैयार करते दिखे। वीडियो के आधार पर जब पहचान कराई तो इसमें से छह शिक्षकों की पुष्टि हुई, जो आसपास के स्कूलों में पदस्थ थे और केंद्र पर ड्यूटी न होने के बावजूद वहां परीक्षा की गोपनीयता प्रभावित करने की मंशा से मौजूद थे। इन सभी के कथन भी लिए गए और इसके बाद देर शाम इनमें शामिल सभी शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया।
शिवपुरी में निलंबित किए गए शिक्षकों के नाम
- कैलाश जाटव प्राथमिक शिक्षक प्रावि पाटखेड़ा,
- वृन्दावन लाल योगी सहायक शिक्षक प्रावि मोहनगढ़,
- दीपिका लोधी प्राथमिक शिक्षक प्रावि गढ़ी बरौद,
- केशव राम भगत प्राथमिक शिक्षक प्रावि अर्जुन गवां,
- रूपेंद्र सिंह वरुण प्राथमिक शिक्षक प्रावि बिची,
- उम्मेद सिंह रावत प्राथमिक शिक्षक प्रावि नीम डांडा.
इसके अलावा सामूहिक नकल का आयोजन करने वाले मोहनगढ़ केन्द्र के केन्द्राध्यक्ष शिवकुमार मित्तल को भी हटा दिया गया है। शिवपुरी बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा के अनुसार उनके स्थान पर हाईस्कूल बूढ़ी बरौद के प्रभारी प्राचार्य मांगीलाल जाटव को यहां नया केन्द्राध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
मामले के व्हिसल ब्लोअर अतिथि शिक्षक की सेवाएं समाप्त
इस पूरे मामले का खुलासा अतिथि शिक्षक पुनीत शाक्य ने किया। इसमें सभी प्रकार की जोखिम थे। फिर भी पुनीत ने न केवल वीडियो कैप्चर किया बल्कि परीक्षा केंद्र अध्यक्ष द्वारा मोबाइल फोन छीनने और बंधक बनाने के प्रयास को विफल किया। पहले संबंधित अधिकारियों को बताया लेकिन जब उन्होंने किसी भी प्रकार का एक्शन लेने से मना कर दिया तो वीडियो वायरल किया। इस प्रक्रिया में निश्चित रूप से अनुशासनहीनता भी होती है परंतु अतिथि शिक्षक का उद्देश्य इस घटनाक्रम में सही था। कम से कम इस मामले में अतिथि शिक्षक को संरक्षित किया जाना चाहिए था परंतु जिला शिक्षा अधिकारी ने ना केवल उसकी सेवाएं समाप्त कर दी बल्कि संकुल प्राचार्य को लिखे पत्र में इस बात को प्रमाणित भी कर दिया कि, यह अतिथि शिक्षक मामले का व्हिसल ब्लोअर है।
जो आवेदन प्रस्तुत ही नहीं हुआ, उस पर कार्रवाई कैसे कर दी
शिवपुरी के जिला शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा केंद्र अध्यक्ष द्वारा पुलिस थाने में प्रस्तुत की गई शिकायत के आधार पर अतिथि शिक्षक की सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई कर दी। सवाल यह है कि जब आवेदन पुलिस थाने में प्रस्तुत किया गया है तो जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई करने की क्या जरूरत थी। जो आवेदन उनके समक्ष प्रस्तुत ही नहीं हुआ, उस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई कैसे कर दी। क्या इस प्रकार की सामूहिक नकल पूरे शिवपुरी जिले में हो रही है और जिला शिक्षा अधिकारी की जानकारी और व्यवस्था के अनुसार संचालित है।
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