मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उस समाज से आते हैं जो शाकाहारी नागरिकों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी दूध का उत्पादन करता है। मध्य प्रदेश शासन ने “मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’’ लागू किया है। कार्यक्रम में अब हितग्राही की मंशा अनुसार दुधारू गाय के अलावा भैंस भी प्रदाय की जा सकेगी।
किसानों को भैंस खरीदने के लिए 90% अनुदान दिया जाएगा
संभागीय जनसंपर्क कार्यालय भोपाल की ओर से बताया गया है कि, इस योजना का लाभ अब विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के साथ सहरिया और भारिया को भी मिलेगा। जनजातियों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए हितग्राही अंशदान की राशि 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी गई है। पशुपालकों को प्रति 2 दुधारू पशु गाय/भैंस दी जाएगी। कार्यक्रम में 90 प्रतिशत शासकीय अनुदान और 10 प्रतिशत हितग्राही अंशदान होगा। क्रय किये गये सभी पशुओं का बीमा होगा। मिल्क रूट और दुग्ध समितियों का गठन मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।
गाय के लिए 1.79 लाख और भैंस के लिए 2.43 लाख मिलेंगे
गाय प्रदाय के लिये एक लाख 89 हजार 250 रूपये और भैंस के लिये 2 लाख 43 हजार रूपये की राशि निर्धारित की गई है। गौ प्रदाय में 1 लाख 70 हजार 325 रूपये शासकीय अनुदान और शेष 18 हजार 925 रूपये हितग्राही अंशदान होगा। भैंस प्रदाय में 2 लाख 18 हजार 700 रूपये का शासकीय अनुदान और मात्र 24 हजार 300 रूपये हितग्राही का अंशदान होगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन और पशुओं की दुग्ध उत्पादक क्षमता में वृद्धि, रोजगार के नवीन अवसर द्वारा हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार और उच्च उत्पादक क्षमता के गौ-भैंस वंशीय पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। हितग्राही को आवेदन निर्धारित प्रपत्र में अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था या दुग्ध सहकारी समिति को देना होगा। चयनित हितग्राहियों को पशुपालन, पशु आहार और पशु प्रबंधन प्रशिक्षण के साथ परिचयात्मक दौरा भी करवाया जायेगा।