मध्य प्रदेश के रीवा जिले में विंध्य विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश कुमार साकेत को लोकायुक्त पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। दावा किया गया है कि, उन्हें ₹30000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
ग्राम पंचायत के विकास कार्य के बजट में रिश्वत मांगी थी
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त श्री गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि, रंजीत सिंह निवासी ग्राम सुजावल तहसील नागौर जिला सतना मध्य प्रदेश द्वारा शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता ग्राम पंचायत माझियारी का उप सरपंच है। उसकी पंचायत में पक्की नाली निर्माण एवं ग्रेवल रोड निर्माण का कार्य कराया गया है। जिसकी राशि स्वीकृत हो चुकी है। जिसकी एक किस्त भी प्राप्त हो गई है, शेष राशि निकालने के लिए राजेश कुमार साकेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ( द्वितीय श्रेणी ) विंध्य विकास प्राधिकरण रीवा ने ₹40000 की रिश्वत मांगी थी।
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त ने बताया कि शिकायत का सत्यापन एवं ऑडियो एविडेंस कलेक्ट करने के बाद ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई गई। प्लानिंग के तहत शिकायतकर्ता को केमिकल युक्त नोट दिए गए। आरोपी अधिकारी ने उसे, कार्यालय कक्ष शिल्पी प्लाजा ए ब्लॉक रीवा में बुलाया। शिकायतकर्ता के आसपास लोकायुक्त पुलिस की टीम सिविल ड्रेस में मौजूद थी। जैसे ही रिश्वत की रकम का आदान-प्रदान हुआ, लोकायुक्त की टीम ने आरोपी अधिकारी को पकड़ लिया। केमिकल टेस्ट पॉजीटिव पाए जाने के बाद राजेश कुमार साकेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ( द्वितीय श्रेणी ) विंध्य विकास प्राधिकरण रीवा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया।
मामले की जांच में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करने। बुलाए जाने पर उपस्थित होने और शिकायतकर्ता से किसी भी प्रकार का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क नहीं करने की शर्त पर आरोपी अधिकारी को जमानत दे दी गई।
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