मध्य प्रदेश में ब्राह्मण समाज को अपमानित करना पॉलिटिकल फैशन हो गया है। तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने पंडित तू चोर, बैंक अध्यक्ष चोर है, बयान देकर पन्ना सहकारी बैंक के पूरे बोर्ड को बर्खास्त करवा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को गलत बताया और बोर्ड को बहाल कर दिया। आपत्तिजनक बयान देने वाले तत्कालीन मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया गया लेकिन उन्होंने इसे हाई कोर्ट में चैलेंज किया। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है। अब मुकदमा चलेगा।
ब्राह्मणों को भी जाति सूचक शब्दों से अपमानित नहीं कर सकते
जिला सहकारी बैंक पन्ना के अध्यक्ष श्री संजय नगायच पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए तत्कालीन मंत्री श्री गौरी शंकर बिसेन ने, पंडित तू चोर है, बैंक अध्यक्ष चोर है, इस प्रकार की आपत्तिजनक बयान दिए थे। इसके बाद उन्होंने बैंक के पूरे बोर्ड को बर्खास्त करवा दिया था। श्री संजय नगायच ने इस आदेश को चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बहाल कर दिया था। इसके बाद श्री संजय नगायच ने तत्कालीन मंत्री श्री गौरी शंकर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा लगाया था। श्री गौरी शंकर ने इस मामले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई को स्थगित करने का आदेश देते हुए, श्री गौरी शंकर की याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी थी। आज हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को निरस्त कर दिया।
गौरी शंकर के दामन पर दाग
हाईकोर्ट ने कहा कि, किसी जनप्रतिनिधि का सार्वजनिक अपमान और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के गंभीर आरोप को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि इस प्रकार से जाति सूचक शब्दों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। अब तत्कालीन मंत्री श्री गौरी शंकर बिसेन पर एमपी एमएलए कोर्ट ग्वालियर की फास्ट ट्रेक कोर्ट में धारा 500 के तहत केस चलेगा। यहां उल्लेख अनिवार्य है कि इस मामले में 2 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है। यदि श्री गौरीशंकर को सजा मिली तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।