MP NEWS - कमलनाथ और दिग्विजय सिंह चुनाव की चुनौती से भागे, कांग्रेस कार्यकर्ता हताश

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हताशा का माहौल व्याप्त हो गया है। पिछले कुछ घंटे से पूरे मध्य प्रदेश में एक समाचार प्रमुखता के साथ प्रसारित किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सबसे पहले फैसला यह हुआ है कि, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि पार्टी की ओर से यह नहीं बताया गया है कि इन दोनों के चुनाव नहीं लड़ने से पार्टी को क्यों और कितना फायदा होगा। 

जब नेता ही डर गए तो कार्यकर्ता क्या लड़ेंगे

लोकसभा का चुनाव युवाओं के लिए नहीं होता। यह अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं के लिए ही होता है। लोकसभा में भारत के भाग्य का निर्धारण किया जाता है। लोकसभा में कानून बनाए जाते हैं जो भारत के सभी नागरिकों पर लागू होते हैं। लोकसभा ही वह स्थान है जहां पर सरकार को कोई भी गलत फैसला लेने से रोका जा सकता है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के लिए लोकसभा सबसे अच्छा स्थान है। दिग्विजय सिंह EVM के खिलाफ अपना अभियान तभी जारी रख सकेंगे जब वह लोकसभा के अंदर होंगे। लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे तो क्या छिंदवाड़ा के महापौर का चुनाव लड़ेंगे। पार्टी को इस समय अपने नेताओं की जरूरत है और जब नेता ही चुनाव से पीछे हट रहे हैं, तो कार्यकर्ता क्या लड़ेंगे। 

राजा साहब ने इस बार चुनौती स्वीकार नहीं की

पिछले लोकसभा चुनाव के समय राजा साहब दिग्विजय सिंह ने सीना तानकर चुनौती स्वीकार की थी। भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। सबको पता था कि हार जाएंगे, लेकिन अपने विचारधारा के लिए लड़े, और कई लोगों को यह बात पसंद आई। भारतीय जनता पार्टी के भी कई नेता दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाली लोकसभा सीट पर लड़े और हारे हैं। इस लिस्ट में स्वर्गीय कैलाश जोशी और शिवराज सिंह जैसे नेताओं का नाम है। चुनाव में हार और जीत तो लगी रहती है। महत्वपूर्ण होता है लड़ना, अपनी पार्टी के लिए, विचारधारा के लिए और अपने सिद्धांतों के लिए। पहली बार राजा साहब दिग्विजय सिंह के सामने श्रीमंत महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया से लड़ने का मौका था। माथे पर करंट नहीं लगना चाहिए। लड़कर हार जाना वीरता कहलाती है। लड़ने की संभावना से बचने के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की पीछे छुप जाना....। 

कमलनाथ क्या मुंह चलाएंगे 

कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेता, जिनके पास संसदीय कार्य का 40 वर्ष का अनुभव है। एक विधायक बनकर दिन गुजरते हुए अच्छा नहीं लगता। पार्टी को कमलनाथ की जरूरत है। देश के लिए काम करने के लिए, मध्य प्रदेश के लिए काम करने के लिए, कमलनाथ का लोकसभा के अंदर होना जरूरी है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करने के लिए, मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए, कमलनाथ का लोकसभा चुनाव लड़ना जरूरी है। यदि चुनाव नहीं लड़ेंगे तो कमलनाथ क्या मुंह चलाएंगे। 

⇒ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!