यदि आपने भारत के 12 में से किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में निवेश किया है। बैंक के शेयर्स आपके पास है तो यह गुड न्यूज़ आपके लिए है। सभी बैंकों को मिलाकर टोटल 98 हजार करोड रुपए का मुनाफा हुआ है। स्टॉक मार्केट स्पेशलिस्ट का मानना है कि बैंक अपने निवेशकों को 15000 करोड रुपए से अधिक का डिविडेंड भुगतान कर सकते हैं।
पिछले साल सरकार को बैंकों से 58% का फायदा हुआ था
PSB - पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1.05 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक कुल नेट प्रॉफिट दर्ज किया था। वित्त वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 66,539.98 करोड़ रुपये था। इस बार 98000 करोड रुपए है। यह पिछले साल की तुलना में 7000 करोड रुपए कम है लेकिन इसके कारण डिविडेंड पर बहुत ज्यादा असर दिखाई नहीं देगा। भारत सरकार को पिछले साल 13804 करोड रुपए का डिविडेंड मिला था और इसके 1 साल पहले 8718 करोड रुपए का डिविडेंड मिला था। यानी पिछले साल सरकार के फायदे में 58% की वृद्धि हुई थी।
सरकारी और प्राइवेट बैंक में डिविडेंड का गणित
इससे पहले जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने मसौदा दिशानिर्देशों में 6 फीसदी से कम नेट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) अनुपात वाले बैंकों को डिविडेंड घोषित करने की मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा था। 2005 में अंतिम बार अपडेट किए गए प्रचलित मानदंडों के अनुसार, बैंकों को डिविडेंड की घोषणा के लिए पात्र बनने के लिए 7 फीसदी तक एनएनपीए अनुपात की जरूरत होती है। केंद्रीय बैंक ने प्रस्ताव दिया है कि नए दिशानिर्देश वित्त वर्ष 2025 से लागू होने चाहिए। सर्कुलर में कहा गया है कि डिविडेंड घोषित करने के लिए पात्र होने के लिए एक कमर्शियल बैंक के पास न्यूनतम कुल पूंजी पर्याप्तता 11.5 फीसदी होनी चाहिए।
डिस्क्लेमर - यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरधारकों के लिए एक समाचार है और किसी भी प्रकार से किसी भी बैंक में इन्वेस्टमेंट करने अथवा नहीं करने के लिए प्रेरित नहीं करता। कृपया इन्वेस्टमेंट के फैसले अपने विवेक पर करें।
🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। इनकी डायरेक्ट लिंक स्क्रॉल करने पर मिल जाएगी। शेयर बाजार एवं व्यापार से संबंधित अन्य समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करते हुए सबसे अंत में जाएं और POPULAR Category में Business-News पर क्लिक करें।