भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 79 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 304ख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि अगर किसी महिला की मौत सुसराल में अप्राकृतिक कारण से होती है एवं शादी के सात साल के भीतर तो वह दहेज हत्या का अपराध होगा। अब सवाल यह है कि? अगर किसी महिला की मौत शादी के सात साल के बाद, अप्राकृतिक कारणों से एवं पति या पति के रिश्तेदारों की क्रूरता के कारण हो जाती है तब क्या यह अपराध नहीं होगा, अगर हुआ तो किस कानून के अंतर्गत जानिए महत्वपूर्ण निर्णय:-
देवेन्द्र नाथ श्रीवास्तव बनाम उतर प्रदेश राज्य मामला
आरोपी जिसका विवाह ग्यारह वर्ष पहले हो चुका था, पति पत्नी के बीच में झगड़ा होता रहता था। जिसके कारण पति के हाथो पत्नी की मृत्यु हो गई। मृत महिला के परिवार वालों का कहना था कि पति एवं उसके परिवार वाले उसे प्रताड़ित करते थे, इसलिए पति द्वारा उसकी हत्या कर दी गई।
इस मामले में न्यायालय ने आरोपी को IPC की धारा 302 के अंतर्गत दण्डित किया, लेकिन हाइकोर्ट द्वारा धारा 302 को बदल कर धारा 304 कर दिया जो गैर इरादतन आपराधिक मानव वध का अपराध होगा। इस निर्णय के विरुद्ध एक और अपील सुप्रीम कोर्ट में की गई सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी हाइकोर्ट के निर्णय की सही माना।
कुलमिलाकर, अगर किसी महिला की हत्या शादी के सात साल बाद अप्राकृतिक कारण होती है तो यह मानव वध का अपराध होगा जो भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 103 में एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 304 के अंतर्गत होगा।
लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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