हाई कोर्ट ने रेलवे में सीसीटीसी (कमर्शियल- कम-टिकट क्लर्क) की भर्ती प्रक्रिया को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, कैट में लंबित याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने रेलवे कर्मियों की याचिका पर उक्त आदेश जारी किया।
भोपाल के रेल कर्मचारी आत्माराम द्विवेदी की याचिका
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी आत्माराम द्विवेदी सहित चार अन्य रेल कर्मियों की ओर से अधिवक्ता गौरव शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आवेदक वेस्टर्न सेंट्रल भोपाल में पार्सल पोर्टर के पद पर कार्यरत हैं। डीआरएम भोपाल ने 22 सितंबर, 2022 को सीसीटीसी के पद को 33.33 प्रतिशत विभागीय कोटा के कमर्शियल विभाग के कर्मियों से भरे जाने का नोटिफिकेशन निकला था।
दलील दी गई कि उक्त पद के लिए पाइंट्समैन पात्र नहीं हैं, फिर भी उन्हें गलत तरीके से परीक्षा में शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत पाइंट्समैन ने ही परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इससे याचिकाकर्ताओं का हक मारा जाएगा। हाई कोर्ट से पहले कैट में याचिका दायर की थी। वहां स्थगन न मिलने से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
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