भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के माहौल को लेकर सोमवार को एक चिट्ठी सामने आई है। इसमें मेडिकल कॉलेज के माहौल को टॉक्सिक बताते हुए अल्टीमेटम दिया गया है कि यदि इसके बाद भी माहौल ठीक नहीं हुआ तो जूनियर डॉक्टरों द्वारा 31 मई 2024 को ग्रुप सुसाइड किया जाएगा। चिट्ठी में एड्रेस की जगह 'द 5 रेसीडेंसी ऑफ टॉक्सिसिटी हब,' गांधी मेडिकल कॉलेज, हमीदिया हॉस्पिटल लिखा है। चिट्ठी फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) नई दिल्ली के अध्यक्ष को संबोधित है।
चिट्ठी में क्या लिखा है - हिंदी अनुवाद पढ़िए
'जिस किसी को चिट्ठी मिली, उसे विषैला नमस्कार।
गांधी मेडिकल कॉलेज (हमीदिया अस्पताल) में दिन रात, हर पल, हम जहरीली सांस ले रहे हैं। हम लंबे समय से इस जहरीली संस्कृति का हिस्सा हैं। हमने सोचा था कि डॉक्टरों की शहादत के बाद कुछ बदल जाएगा, लेकिन चीजें अभी भी वैसी ही हैं। अस्पताल में बिना सोए 24 घंटे से ज्यादा समय तक (कभी-कभी 36 घंटे से ज्यादा) लगातार काम करना पड़ता है। बिना छुट्टी लिए काम के बावजूद गलतियां नहीं होने पर भी सीनियर्स और एडवाइजर्स मौखिक दुर्व्यहार करते हैं। कुछ कहते हैं, तो धमकाते हैं। कहते हैं- "चुप रहो, नहीं तो परीक्षा में पास नहीं होंगे" और "डिग्री डिप्लोमा नहीं दिया जाएगा"।
सीएम के लिए लिखा - आप तो समझें परेशानी
चिट्ठी में लिखा है कि अगर मुख्यमंत्री लेटर पढ़ रहे हैं, तो माननीय आप तो हमारी परेशानी समझें। क्योंकि आपकी बेटी ने खुद डॉक्टरी की पढ़ाई की है। हम भी आपके बच्चों के जैसे हैं। इसे व्यर्थ की शिकायत ना समझें। हम चाहते हैं कि हम अच्छा काम सीखें। डिग्री लें और अच्छी मेडिकल सेवाएं दें लेकिन, यहां का माहौल हमें आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है।
जूडा प्रवक्ता बोले- सीनियर कंसल्टेंट धमकाते हैं
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) भोपाल के प्रवक्ता कुलदीप गुप्ता कहना है कि जूनियर डॉक्टर्स से अस्पताल में 24 से 36 घंटे काम करवाया जा रहा है। हमारे साथ गाली-गलौज की जाती है। कामचोर आदि जैसे शब्द भी बोले जाते हैं। धमकाया भी जाता है। कहा जाता है कि अगर कुछ बोलोगे, तो थर्ड ईयर में पास नहीं करेंगे। फेल कर दिया जाएगा। यह सब कुछ सीनियर कंसल्टेंट द्वारा कहा जाता है। छुट्टी के दिन भी बुलाया जाता है।
जूनियर डॉक्टर्स की मीटिंग बुलाई
जीएमसी के डीन डॉ. सलिल भार्गव ने बताया कि कॉलेज के पांच रेसीडेंस डॉक्टर्स द्वारा FAIMA को चिट्ठी लिखी जाने के बारे में सूचना मिली है। इसमें पांच रेसीडेंस डॉक्टर्स ने कॉलेज के टॉक्सिक माहौल से परेशान होकर 5 डॉक्टर्स ने 31 मई को सुसाइड की बात कही है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) से बात की है। जेडीए के साथ मीटिंग बुलाई है। किसी भी रेसीडेंस डॉक्टर को परेशानी है, तो मुझे बताएं। संबंधित की समस्या का समाधान करेंगे।
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