महिलाएं भावुक होती है और प्रेम प्रसंग में तो आंख बंद करके विश्वास करती है और खुद को समर्पित कर देती है। उन्हें कानून की जानकारी नहीं होती और कई पुरुष इस बात का फायदा उठाते हैं। उन्हें झूठे प्यार के जाल में फसाते हैं। मंदिर में, या किसी फर्जी संस्था अथवा किसी नोटरी द्वारा शपथ पत्र पर शादी कर लेते हैं, और फिर महिला के साथ फिजिकल रिलेशन बनाते हैं। आईए जानते हैं कि इस प्रकार के पुरुषों के खिलाफ किस कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है और उन्हें कितनी सजा दिए जाने का प्रावधान है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 80 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 493 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी महिला को यह विश्वास दिलाकर की वह उसका पति है, उसके साथ सहवास करेगा, उसे यह बतायेगा की वह उसका पति है वास्तव मे पति नहीं होगा, उसे धोखा देकर की उसने महिला से शादी कर ली है उसके साथ संबंध बनाएगा वह व्यक्ति BNS की धारा 80 एवं IPC की धारा 493 के अंतर्गत दोषी होगा। कुलमिलाकर, कोई व्यक्ति किसी स्त्री से झूठी शादी करेगा या अवैध तरीके से विवाह करेगा और उसके बाद उससे शारीरिक संबंध बनाएगा वह व्यक्ति उक्त धारा के अंतर्गत दोषी होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 80 or Indian Penal Code Section 493 Provision of punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं अज़मानतीय होते हैं। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के लिए अधिकतम 10 वर्षो की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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