अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए पूर्ण सूर्यग्रहण, क्या करें क्या ना करें - HINDI NEWS

Bhopal Samachar
उत्तरी एवं मध्य अमेरिका, पोलिनेशिया (हवाई द्वीप), ग्रीनलैंड व आइसलैंड में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। वर्ष 2024 का प्रथम और पूर्ण सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। जो लोग भारतीय ज्योतिष में विश्वास करते हैं उन्हें कुछ सावधानियां और उपाय करने की आवश्यकता है। जो लोग भारतीय ज्योतिष में विश्वास नहीं करते उनके लिए यह इस साल की सबसे बड़ी खगोलीय घटना है। 

8-9 अप्रैल 2024 पूर्ण सूर्य ग्रहण का समय

भारतीय समय के अनुसार, पूर्ण सूर्यग्रहण का प्रारंभ 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 10:10:00 बजे से होगा। पूर्णता की स्थिति रात्रि 11:47:03 बजे पर होगी। इस समय सूर्य आसमान में होगा परंतु दिखाई नहीं देगा और अचानक अंधकार छा जाएगा। अंतरिक्ष विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए यह एक दुर्लभ नजारा होगा। यह स्थिति केवल 4 मिनट 32 सेकंड तक रहेगी और उसके बाद फिर आसमान में सूर्य का उदय होता हुआ दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण की मोक्ष की स्थिति मध्य रात्रि में 01:24:05 बजे पर होगी। भारत में तारीख बदलकर 9 अप्रैल 2024 हो जाएगी। सूर्य ग्रहण लगने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने के 12 घंटे पहले लग जाता है। सूतक काल के आरंभ होने पर किसी भी तरह का शुभ काम या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है। 

मेष राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव 

जिन लोगों के नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो अथवा आ अक्षर से शुरू होता है, ऐसे सभी मेष राशि के जातकों को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह सूर्य ग्रहण मेष राशि के जातकों के जीवन में न सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा कर सकता है बल्कि आर्थिक रूप से भी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है। कार्यक्षेत्र की बात करें तो नौकरी में कई चुनौतियां आने की संभावना है। इसके प्रभाव के कारण इन्वेस्टमेंट में भी नुकसान होने की संभावना है। 

कन्या राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव 

जिन लोगों के नाम ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे और पो अक्षर से प्रारंभ होते हैं ऐसे कन्या राशि के जातकों पर सूर्य ग्रहण का अशुभ प्रभाव देखने को मिल सकता है। कन्या राशि वालों को आर्थिक नुक्सान होने की संभावना है। व्यवसाय में भी हानि हो सकती है। परिवार में किसी प्रिय सदस्य के स्वास्थ्य को हानि हो सकती है। 

वृश्चिक राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव 

जिन लोगों के नाम तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी अथवा यू अक्षर से प्रारंभ होते हैं ऐसे जातकों के प्रेम और वैवाहिक जीवन में कई तरह की मुश्किलें और गलतफहमियां आ सकती हैं। इसके अलावा कार्यक्षेत्र में भी आपका काम प्रभावित हो सकता है। यदि आप नौकरी में बद्लाव करने का विचार कर रहे हैं तो उसे कुछ समय के लिए टाल दें। 

धनु राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव 

जिन लोगों के नाम ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा अथवा भे अक्षर से प्रारंभ होते हैं ऐसे धनु राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के कारण धान की हानि का सामना करना पड़ सकता है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आने के बाद यदि किसी को धन उधार दिया तो उसके डूबने की संभावना बढ़ जाएगी। सभी प्रकार के इन्वेस्टमेंट में नुकसान हो सकता है। जीवनसाथी से रिश्तों में तनाव हो सकता है और क्रोध की मात्रा बढ़ जाएगी वाणी पर नियंत्रण काम हो जाएगा।

कुंभ राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव 

जिन लोगों के नाम गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो अथवा दा अक्षर से प्रारंभ होते हैं ऐसे कुंभ राशि के जातकों का कार्यस्थल पर सहयोगियों से विवाद हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण काम हो सकता है। विचारों में मतभेद के कारण परिवार में तनाव बढ़ सकता है। आर्थिक मामलों में धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।

सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचाव के उपाय 

  • सूतक काल से लेकर मोक्ष काल तक आसमान के नीचे सूर्य के संपर्क में नहीं जाएं। जहां तक संभव वह स्वयं को सूर्य की करने के डायरेक्टर और इनडायरेक्ट संपर्क में आने से रोक दें।
  • किसी भी नुकीली या धारदार वस्तु का उपयोग ना करें। 
  • गर्भवती महिलाओं को धारदार हथियार और नुकीली वस्तुओं को भूलकर भी नहीं छूना चाहिए। 
  • ग्रहण संपन्न हो जाने के बाद तांबा धातु और घी का दान करें।
  • यदि आपके परिवार में मान्यता है तो ग्रहण समाप्त होने के बाद श्रीफल से उसारा करें।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी। 
  • सूर्य ग्रहण के दौरान स्नान नहीं करेंगे। मोक्ष के बाद इतना अनिवार्य है। 
  • ग्रहण काल में अपने इष्ट देवता के मंत्र का जाप करें, इसके अलावा सूर्य राहु के मंत्र का जाप करें। 
  • ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाएं, वृद्ध नागरिक, 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे और बीमार नागरिकों के लिए वैदिक अनुशासन से मुक्ति का विधान है। 

डिस्क्लेमर :- यह जानकारी केवल उन नागरिकों के लिए है जो भारतीय ज्योतिष में विश्वास करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में स्पष्ट लिखा है कि सूर्य ग्रहण मानव के जीवन को प्रभावित करता है और चंद्र ग्रहण मानव की मन को प्रभावित करता है, लेकिन वर्तमान अंतरिक्ष विज्ञान अथवा विज्ञान की कोई अन्य शाखा अभी तक ज्योतिष की इस मान्यता से सहमत नहीं है। कृपया ध्यान रखें की जिन क्षेत्रों में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा उन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को यह किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेगा। 

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