मध्य प्रदेश में ANM परीक्षा में प्राथमिक शिक्षक भर्ती जैसा योग्यता विवाद उपस्थित हो गया है। डिपार्टमेंट ने 18 महीने वाले ट्रेनिंग सर्टिफिकेट को अमान्य घोषित कर दिया है। इस डिसीजन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। उच्च न्यायालय ने अंतिम आदेश जारी करते हुए सभी विवादित नियुक्तियां इस याचिका के निर्णय के अध्यधीन घोषित कर दी हैं।
याचिकाकर्ता - रोशनी देवी, टीकमगढ़
याचिकाकर्ता टीकमगढ़ निवासी रोशनी देवी व अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रसन्नजीत चटर्जी और सुनंदा केसरवानी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं के पास ANM का 18 माह का ट्रेनिंग सर्टिफिकेट है। अब सरकार इस पद पर उन्हीं को भर्ती कर रही है, जिन्होंने 24 माह की ट्रेनिंग की है। वर्ग का भी वर्गीकरण किया जा रहा है। लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
मप्र हाई कोर्ट ने एएनएम पद पर होने वाली सभी भर्तियों को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। भर्ती नियमों को चुनौती देने के मामले में न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं, कर्मचारी चयन मंडल, मिशन डायरेक्टर आरसीएच-आरएचएम के अलावा छतरपुर, दमोह व रायसेन के कलेक्टर और सीएमएचओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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