मध्य प्रदेश के धार्मिक शहर उज्जैन में कुंभ के मेले में ड्यूटी करने वाले बुरहानपुर के सैयद आरिफ को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। सैयद आरिफ उन 2790 लोगों में से है, जिन्हें होमगार्ड द्वारा अस्थाई रूप से नियुक्त किया गया था परंतु अच्छा प्रदर्शन होने के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सबको नियमित नियुक्ति की घोषणा कर दी थी।
सबको नियुक्ति मिली तो फिर सैयद आरिफ को क्यों नहीं मिली
याचिकाकर्ता बुरहानपुर निवासी सयैद आरिफ की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि सिंहस्थ महोत्सव के दौरान 2200 जवानों को अस्थाई नियुक्ति दी गई थी। बाद में उन्हें स्थाई नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया। इस बीच सभी की स्क्रीनिंग हुई। सीनियर स्टाफ आफिसर, जबलपुर ने 25 सितंबर, 2020 को आदेश जारी कर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के कारण याचिकाकर्ता को होमगार्ड सैनिक के रूप में नियुक्त से वंचित कर दिया।
अधिवक्ता विकास महावर ने हाई कोर्ट को बताया कि आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का फैसला करने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था। स्क्रीनिंग कमेटी ने कुल 11 उम्मीदवारों की सिफारिश की थी, क्योंकि इन सबके मामले गंभीर प्रकृति के नहीं थे। स्क्रीनिंग कमेटी के सिफारिश के बावजूद उम्मीदवार को नियुक्ति नहीं दी गई।
अधिवक्ता श्री विकास महावर की दलील से सहमत होने के बाद रायपुर स्टेशन विवेक अग्रवाल ने शासन को निर्देशित किया है कि वह स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश के अनुसार कार्रवाई करें।
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