लोकायुक्त पुलिस की टीम ने जबलपुर में स्पेशल टास्क फोर्स के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को ₹100000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। उसके दो अन्य साथी भी थे, परंतु रिश्वत की वसूली के समय उपस्थित नहीं थे इसलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।
बैंक ने लोन वसूली के लिए मकान नीलाम कर दिया था
मध्य प्रदेश पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर निसार अली पहले शहर के गोहलपुर थाने में पदस्थ रहे हैं। इसलिए होने पता था कि मोहम्मद जावेद प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। मोहम्मद जावेद पर उन्होंने अपना खबरी लगा रखा था। इस दौरान उन्हें समाचार मिला कि बैंक का लोन नहीं चुकाने पर बैंक ने जावेद की गोहलपुर वाली प्रॉपर्टी (मकान) नीलाम कर दी है।
पहली बार कॉल कर साइबर ऑफिस में बुलाया था
प्रॉपर्टी डीलर का कहना है कि 25 दिन पहले ASI ने पहली बार कॉल कर साइबर ऑफिस में बुलाया था। कुछ दस्तावेज दिखाए और कहा कि तुम्हारे खिलाफ बैंक से शिकायत आई है। इसकी जांच मिली है। शिकायत बड़े अधिकारियों तक पहुंच गई है। अब बच पाना मुश्किल है। इस दौरान उसके साथ 3 और साथी भी थे।
प्रॉपर्टी डीलर के मुताबिक ASI कुछ न कुछ दस्तावेज दिखाकर उन्हें परेशान कर रहा था। जिस प्रॉपर्टी के दस्तावेज दिखाकर वह परेशान कर रहा था, वो 12.5 लाख रुपए की थी। उसने केस निपटाने के नाम पर 20 लाख रुपए से डिमांड शुरू की। बाद में टुकड़ों में पैसा देने को कहा। धमकी दी कि पैसे नहीं मिले तो तुम्हारे साथ भाई भी जेल जाएंगे। वह 25 दिन से रोज वाट्सएप कॉल कर दमोह नाका बुलाता। मिलने जाते तो मोबाइल जब्त कर लेता था।
लोकायुक्त की टीम ने भेष क्यों बदला
एक हफ्ते पहले प्रॉपर्टी डीलर ने ASI के खिलाफ जबलपुर लोकायुक्त SP से शिकायत की। इधर, गुरुवार दोपहर उनके पास ASI का फिर कॉल आया। दमोह नाका के पास मिलने की बात कही गई। लोकायुक्त को पता था कि निसार अली पुलिस में है और टीम के सदस्यों को पहचान सकता है, इसलिए पुलिस ने डिलीवरी बॉय की टी-शर्ट पहनकर आसपास घूमना शुरू कर दिया। प्रॉपर्टी डीलर 1 लाख रुपए लिए खड़े थे।
पकड़ में आने के बाद की भागने की कोशिश
आधा घंटे बाद गुरुवार रात 8:30 बजे ASI दमोह नाका आया और जावेद को आवाज देकर अंधेरे स्थान की ओर ले गया। उसने उनका मोबाइल एक दुकान में रखवा दिया। लोकायुक्त के आते ही उसने भागने की कोशिश की। उसे गिरफ्तार कर टीम सीधा सर्किट हाउस-2 ले आई।
जबलपुर लोकायुक्त के मुताबिक आरोपी ASI निसार अली स्पेशल टास्क फोर्स में पदस्थ था। 3 दिन पहले यूनिट से उसे हटा दिया था। इसके बाद भी वह अपने आपको STF में पदस्थ होना बता रहा था। फिलहाल, उस पर केस दर्ज कर मुचलके पर रिहा कर दिया गया है।
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