मध्य प्रदेश के इंदौर में ताई और भाई के बीच संघर्ष की कहानी पुरानी हो गई है। आप श्री कैलाश विजयवर्गीय और सुश्री उषा ठाकुर के बीच तनाव देखा जा रहा है। भाजपा से बगावत करके कांग्रेस में शामिल होने वाले श्री राम किशोर शुक्ला को श्री कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा में वापस शामिल करने से मना कर दिया था परंतु सुश्री उषा ठाकुर ने आज भाजपा में शामिल कर लिया। इस प्रकार उन्होंने श्री कैलाश विजयवर्गीय को सीधी चुनौती दी है।
शुक्ला की सदस्यता के बहाने विजयवर्गीय को चुनौती
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने महू से उषा ठाकुर को ही रिपीट किया था। श्री राम किशोर शुक्ला को टिकट नहीं मिला तो वह बागी होकर चुनाव लड़े। अंतर सिंह दरबार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़े। श्री शुक्ला को इलाके का बड़ा प्रभावशाली नेता कहा जाता था परंतु चुनाव में श्री राम किशोर शुक्ला न सिर्फ तीसरे स्थान पर रहे उनकी जमानत भी जब्त हो गईं थी। इसके बाद कैबिनेट मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने, अंतर सिंह दरबार को भाजपा में शामिल कर लिया था और श्री राम किशोर शुक्ला को भाजपा में शामिल करने से मना कर दिया था। शुक्ला शनिवार को महू विधायक उषा ठाकुर के घर पहुंचे। बीजेपी के स्थापना दिवस के मौके पर विधायक उषा ठाकुर ने राम किशोर शुक्ला को भाजपा की सदस्यता दिलाई।
रामकिशोर शुक्ला महू के प्रभावशाली नेता कह जाते थे
विधानसभा चुनाव से पहले कहा जाता था कि, रामकिशोर शुक्ला का महू में अलग ही दबदबा है। यहां से चुनाव में भाजपा को हमेशा 15 से 20 हजार की लीड मिलती आई है। सुश्री उषा ठाकुर का कहना है कि अब फिर एक बार शुक्ला के भाजपा में शामिल होने के बाद लोकसभा चुनाव में इंदौर के साथ साथ धार सीट में भी भारतीय जनता पार्टी को लाभ होगा, क्योंकि महू विधानसभा वैसे तो इंदौर जिले में आती है लेकिन लोकसभा क्षेत्र धार लगता है।
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