मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पुलिस के ज्यादातर कर्मचारियों ने मर्यादा में रहते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारी ड्यूटी पर उपस्थित तो थे परंतु काम नहीं किया। विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया। मामला मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के दबाव में चार पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड किए जाने का है। इनमें से एक पुलिस कर्मचारी तो थाने में मौजूद भी नहीं था, लेकिन मंत्री के कहने पर सस्पेंड कर दिया गया। भोपाल के पुलिस कर्मचारियों को मंत्री के खिलाफ पब्लिक का सपोर्ट भी मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल पत्रकारों से छुपते हुए घूम रहे हैं। फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं।
मंत्री पुत्र ने कहा का पूरा थाना बर्खास्त करवा दूंगा
पुलिस सूत्रों ने बताया कि थाने में हंगामा करते समय मंत्री पुत्र अभिज्ञान पटेल ने कहा था कि पूरा थाना बर्खास्त करवा दूंगा। बाद में जब उसके पिता मंत्री नरेंद्र पटेल आए तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कम से कम 15 कर्मचारियों को सस्पेंड करने की मांग की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंत्रिपुत्र अभिज्ञान पटेल इतना अधिक उग्र हो गया था कि, शिकायतकर्ता दंपति की जान की रक्षा के लिए उसे एक वाहन में छुपाना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ पीड़ित पत्रकार को एक टेबल के नीचे छुपा कर बचाया गया।
डीसीपी ने कहा वीडियो रिकॉर्डिंग करनी चाहिए थी
डीसीपी जोन-1 प्रियंका शुक्ला ने कहा कि मंत्री के बेटे के साथ हाथापाई करने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। डीसीपी शुक्ला ने सलाह दी कि अगर कोई आरोपी दुर्व्यवहार कर रहा था, तो पुलिसकर्मी वीडियो रेकॉर्ड कर सकते थे और स्थिति को धैर्यपूर्वक संभाल सकते थे। डीसीपी ने कहा कि धैर्य से काम लेते तो आरोपियों पर एक और केस दर्ज हो सकता था। उन्होंने कहा कि एक निलंबित पुलिसकर्मी की याचिका की जांच कर रहे हैं। घटना के समय वह पुलिस स्टेशन में नहीं थे।
सोशल मीडिया पर पुलिस के समर्थन में पब्लिक
पुलिस कर्मियों का कहना है कि यदि कोई थाने पर हमला कर तो उसे बलपूर्वक रोकना ही एक पुलिस कर्मचारियों का कर्तव्य है। सुरेंद्र बिंदल, दुकानदार।
आत्मरक्षा में बल प्रयोग प्रत्येक भारतीय नागरिक का अधिकार है। कई बार तो पुलिस एनकाउंटर भी कर देती है। यहां तो केवल हाथ पकड़ा था। आलोक जैन, MBA स्टूडेंट।
थाने में हंगामा करने वालों के घर पर बुलडोजर चलना चाहिए। दीपक सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता।
जिस प्रकार बिना लिखित शिकायत और सुनवाई के पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया इस प्रकार बिना किसी कार्रवाई के उन्हें तत्काल बहाल करना चाहिए। हरिओम शर्मा, सरकारी कर्मचारी।
इस समय पुलिस डिपार्टमेंट को दिखाना चाहिए कि वह मंत्री के दबाव में काम नहीं करती। हरीश अग्रवाल, रिटायर्ड पुलिसकर्मी।
अभिज्ञान पटेल जितनी बार ट्रैफिक रूल तोड़े उतनी बार चालान बनाना चाहिए। देखते हैं कमिश्नर कितने पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करते हैं। कपिल परिहार LLB स्टूडेंट।
जब नगर निगम को जरूरत होती है तो पुलिस उसकी सुरक्षा के लिए खड़ी हो जाती है। आज नगर निगम को चाहिए कि पुलिस के समर्थन में उस पार्क को अतिक्रमण मुक्त करवाएं जिस पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने अस्थाई अतिक्रमण कर लिया है। पक्का निर्माण नहीं किया लेकिन, उसे अपने उपयोग के लिए घेर लिया है। राजेश भार्गव, भाजपा नेता।
मामला दिल्ली तक पहुंचा, मंत्री जी की कुर्सी खतरे में
इधर भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि यह मामला दिल्ली तक पहुंच गया है। केंद्रीय नेतृत्व पिता पुत्र की तुनकमिजाजी और लोकसभा चुनाव के समय इस प्रकार के व्यवहार के कारण काफी नाराज है। भाजपा सूत्रों का कहना है, लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान नरेंद्र शिवाजी पटेल को मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाएगा।
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