बाजार से कोरोना गायब हो गया है लेकिन सरकारी सिस्टम में कोरोनावायरस अभी भी चल रहा है। इसके कारण कर्मचारियों को शनिवार की छुट्टी दी जा रही है और अब चुनाव ड्यूटी से भी छुट्टी मंजूर की जाने लगी है। जबलपुर में एक महिला कर्मचारी की छुट्टी मंजूर की गई है क्योंकि उसने अपने आवेदन में बताया कि, वह कोरोनावायरस के संक्रमण से पीड़ित है।
कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों को बिना मेडिकल बोर्ड छुट्टी मंजूर
59 साल की महिला कर्मचारी एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर है। उन्होंने जिला निर्वाचन कार्यालय में छुट्टी का आवेदन लगाया। आवेदन के साथ एक प्राइवेट लैब की रिपोर्ट भी लगाई है। इस रिपोर्ट में महिला को कोरोनावायरस से संक्रमित बताया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल बोर्ड की जांच के बिना ही महिला कर्मचारी को छुट्टी मंजूर कर दी गई है। निर्वाचन कार्यालय के निर्देशानुसार महिला कर्मचारी अपने घर पर क्वॉरेंटाइन है।
CMHO ने कहा, यह तो गलत है, लैब की जांच करेंगे
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा तिलमिला गए हैं। मेडिकल बोर्ड की मंजूरी के बिना, महिला कर्मचारी को छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि जब तक मेडिकल बोर्ड किसी को अनफिट घोषित नहीं करता तब तक उसे अनफिट नहीं माना जाना चाहिए। आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक आरटीपीसीआर टेस्ट पर ही मान्य किया जाएगा, नहीं तो उनकी रिपोर्ट को कोविड पाॅजिटिव नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा कि हम लैब की जांच करेंगे। यदि रिपोर्ट गलत पाई गई तो लैब के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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