मध्य प्रदेश सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम 2022 अंतर्गत शासकीय कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रकरणों में आश्रित पुत्र/पुत्रियों की पात्रता हेतु आयु निर्धारण बावत् लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय निर्देश जारी किए गए हैं।
आश्रित संतानों की जानकारी शपथ पत्र पर ही स्वीकार करें
मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय की भोपाल के अपर संचालक वित्त श्री संजय कुमार ने समस्त संभागीय संयुक्त संचालक, समस्त संयुक्त संचालक विधि, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारी के नाम जारी पत्र में लिखा है कि, लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय, मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी पत्र क्रमांक / PHFW-0833/2023 / सत्रह / मेडि-3/134384 भोपाल दिनांक 30.01.2024 के माध्यम से लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय म.प्र. द्वारा शासकीय कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रकरणों में आश्रित पुत्र/पुत्रियों की पात्रता हेतु आयु निर्धारित किये जाने के आदेश जारी किये गये है।
जिसके अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के प्रकरण स्वीकार्य किये जाने की कार्यवाही करते हुए आश्रित पुत्र/पुत्रियों के प्रकरण होने के कारण नियोक्ता कार्यालय को परिवार के सदस्यों की जो जानकारी संबंधित शासकीय सेवक द्वारा आइ.एफ.एम.आई.एस. में प्रस्तुत की गई है कि सूची, जन्म तिथि एवं पूर्णतः आश्रित होने की जानकारी का शपथ पत्र पर ही स्वीकार्य करना सुनिश्चित करें।
मध्य प्रदेश में शासकीय कर्मचारी पर आश्रित संतान की पात्रता
आश्रित पुत्र : जब तक वह अर्जन (नौकरी अथवा स्वरोजगार) करना शुरू नहीं करता है, अथवा उसके विवाह पर्यन्त अथवा 25 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक, इनमें से जो भी पहले हो।
आश्रित पुत्री : जब तक वह अर्जन (नौकरी अथवा स्वरोजगार) करना शुरू नहीं करती है, अथवा उसके विवाह पर्यन्त अथवा 25 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक, इनमें से जो भी पहले हो।
किसी भी प्रकार स्थाई अशक्तता (शारीरिक तथा मानसिक) से पीड़ित आश्रित पुत्र अथवा पुत्री: कोई आयु सीमा नहीं।
आश्रित तलाकशुदा/परित्यक्ता या अपने पति से अलग/विधवा पुत्रीः कोई आयु सीमा नहीं। उक्त संशोधन आदेश जारी होने की तिथि से प्रभावशील होगा।
विशेष नोट:- यदि किसी कर्मचारी की संतान के बैंक खाते में किसी भी प्रकार की सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी से अथवा किसी भी प्रकार के स्वरोजगार से भुगतान प्राप्त होता है। तब ऐसी संतान को शासकीय कर्मचारी पर आश्रित संस्थान नहीं माना जाएगा। किसी भी सरकारी अथवा प्राइवेट संस्थान का नियुक्ति पत्र और सैलरी स्लिप इस प्रकरण के प्रमाण होंगे।
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