जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर को आदेशित किया है कि वह होल्ड किए गए 13+13% उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी करें। उल्लेखनीय है कि एमपीपीएससी द्वारा राज्य सेवा परीक्षा के प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा परिणाम में तो मेरिट लिस्ट जारी की जाती है परंतु इंटरव्यू के बाद सारी पारदर्शिता समाप्त हो जाती है।
13+13% पद और उम्मीदवार MPPSC ने अपने पास छुपाकर रख लिए
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में पांच उम्मीदवारों द्वारा इसके संबंध में याचिका प्रस्तुत की गई थी। अधिवक्ता श्री अंशुमन सिंह द्वारा उम्मीदवारों पर पक्ष रखा गया। उन्होंने माननीय न्यायालय को बताया कि लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में 87+13 सभी उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। इसके आधार पर मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाता है। मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में भी 87+13 सभी उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी की जाती है और इसके आधार पर इंटरव्यू कॉल किए जाते हैं परंतु इंटरव्यू के बाद जब मध्य प्रदेश शासन में नियुक्ति हेतु फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाता है तब सिर्फ 87% की घोषणा होती है और 13% OBC +13% GEN की मेरिट लिस्ट घोषित नहीं की जाती। इसके कारण उम्मीदवारों को पता ही नहीं चलता कि जब भी 27% ओबीसी आरक्षण मामले का फैसला आएगा तब किस उम्मीदवार को फायदा होगा।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एमपी लोक सेवा आयोग को आदेशित किया है कि वह परीक्षा के तीसरे एवं अंतिम चरण की मेरिट लिस्ट जारी करें ताकि उम्मीदवारों को उनकी रैंक का पता चल सके। न्यायालय ने इसके हेतु 28 अप्रैल तक का समय दिया है और 29 अप्रैल को इसके पालन की जानकारी हाई कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
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