रेमल नाम के तूफान के कारण बंगाल की खाड़ी में मानसून ने अपना रास्ता बदल लिया है। भारत में मानसून की पहली बारिश केरल में होती है परंतु इस बार मानसून की पहली बारिश असम या मेघालय में हो सकती है। रेमल चक्रवात के गुजर जाने के बाद मानसून की स्पीड का पता भी चल गया है। अगले 24 घंटे में मानसून के बदले केरल, असम या मेघालय के आसमान पर होंगे। इधर भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने टोटल 19 राज्यों के लिए अलर्ट जारी किए हैं। इनमें से 12 राज्यों में हीट वेव और सात राज्यों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
12 राज्यों में Heat Wave का अलर्ट
पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में, राजस्थान के कई हिस्सों, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में, बिहार, झारखंड, ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में उष्ण लहर से लेकर गंभीर उष्ण लहर की स्थिति रहने की संभावना है तथा जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में उष्ण लहर की स्थिति रहने की संभावना है।
सात राज्यों में मूसलाधार बारिश का रेड अलर्ट एवं ऑरेंज अलर्ट
- उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एंव सिक्किम में भारी से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है। (ऑरेंज अलर्ट)
- असम एंव मेघालय में अत्यन्त भारी वर्षा (>204.4 मिलीमीटर) और इसके बाद 2 जून, 2024 के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.4 मिमी) होने की संभावना है। (रेड अलर्ट)
- लक्षद्वीप में भारी से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है। (ऑरेंज अलर्ट)
- अरुणाचल प्रदेश में भारी से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है। (ऑरेंज अलर्ट)
- केरल एंव माहे में भारी से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है। (ऑरेंज अलर्ट)
चक्रवाती तूफान रेमल का असर बाकी है
चक्रवात 'रेमल' के अवशेष के रूप में चिह्नित कम दबाव वाला क्षेत्र और भी कमजोर हो गया है। अब, यह ऊपरी असम और पड़ोस के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में स्थित है। चक्रवाती परिसंचरण मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैल रहा है। यह उसी क्षेत्र में कम चिह्नित होने की संभावना है, लेकिन चक्रवाती परिसंचरण बना रहेगा। तदनुसार, मौसम की गतिविधि जारी रहेगी, हालांकि पिछले दौर की तुलना में कम तीव्रता के साथ, लगभग एक सप्ताह या उससे भी अधिक समय तक रहेगा।
भीषण चक्रवाती तूफ़ान 'रेमल' के अवशेष पहले ही मेघालय और असम क्षेत्र को डिप्रेशन के रूप में पार कर चुके थे। पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में खराब मौसम की स्थिति बनी हुई है। मिज़ोरम में बहुत भारी बारिश का प्रकोप रहा, जिसके कारण भूस्खलन हुआ और जान-माल का भारी नुकसान हुआ। भारी बारिश जारी है, हालाँकि इसकी तीव्रता और फैलाव कम हो गया है। पिछले 24 घंटों में तीन अंकों की बारिश दर्ज की गई: चीरापूंजी-182 मिमी, सिलचर-146 मिमी, हाफलॉन्ग-148 मिमी, गोलपारा-94 मिमी, इंफाल-89 मिमी।
अगले एक सप्ताह तक व्यापक और मध्यम बारिश जारी रहेगी। इस अवधि के दौरान असम और मेघालय में छिटपुट भारी बारिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। निचला असम ऐसी स्थितियों के लिए बेहद संवेदनशील बना हुआ है।
बंगाल की खाड़ी में मानसून ने रास्ता बदल लिया है
बांग्लादेश में चक्रवात रेमल के गुजरने से बंगाल की खाड़ी के ऊपर मानसून की गति तय हो गई है। बंगाल की खाड़ी में बह रही दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ पर्याप्त बल के साथ असम घाटी और पहाड़ों में प्रवेश कर रही हैं। इस विशेषता के कारण मानसून के पूर्वोत्तर भारत में आने की संभावना है। मानसून अपने तय समय से पहले पूर्वोत्तर भागों में पहुँच सकता है और संभवतः केरल की मुख्य भूमि पर उतरने के साथ ही पहुँच सकता है। बारिश के इस दौर से लगभग सभी पूर्वोत्तर राज्यों में अब तक देखी गई प्री-मानसून वर्षा की कमी का अंतर कम हो जाएगा।
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