मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं। यह उनके मैनेजमेंट का फेलियर है जो भोपाल का ओवरऑल रिजल्ट इतना खराब रहा। जबकि भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है और यहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध है। त्रिपाठी जी ने अपना ठीक कर स्कूल के प्राचार्यों के सिर पर फोड़ने की कोशिश की, पढ़िए प्राचार्यों ने DEO के ठीकरे क्या किया।
माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा आयोजित 10वीं-12वीं वार्षिक परीक्षा में 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट के लिए 17 स्कूलों के प्रिंसिपल को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया था। प्राचार्यों ने नोटिस के जवाब देना शुरू कर दिए हैं :-
प्रेमपुरा स्कूल ने बताया है कि उनके यहां पढ़ने वाले कई बच्चे दूध बेचने वाले समुदाय से संबंधित हैं। वे स्कूल नहीं आते हैं।
सवाल:- रिकॉर्ड उठा कर देख लीजिए जिला शिक्षा अधिकारी की टीम निरंतर प्रत्येक स्कूल की जांच करती है। फिर क्या कारण है जो DEO को इस समस्या के बारे में पता नहीं था और यदि पता था तो उन्होंने परीक्षा से पहले इस प्रॉब्लम को सॉल्व क्यों नहीं किया।
सूखी सेवनिया हाईस्कूल से बताया गया गया स्कूल में 3-4 महिला शिक्षक है। इनके चाइल्ड केयर लीव पर रहने से रिजल्ट प्रभावित हुआ।
कितनी अजीब बात है, जिला शिक्षा अधिकारी को पता ही नहीं था कि उनके क्षेत्राधिकार में एक स्कूल की सभी महिला शिक्षक चाइल्ड केयर लीव पर हैं। उनकी टीम स्कूलों का निरीक्षण करती थी या पिकनिक पर जाती थी? शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था जिला शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी है।
जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस क्यों नहीं दिया
दैनिक भास्कर के पत्रकार के प्रश्न के उत्तर में -अंजनी कुमार त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी ने स्वीकार किया है कि, ऐसा संभव नहीं है कि सभी शिक्षक या अतिथि विद्वान काम नहीं कर रहे। ओवरऑल रिजल्ट बिगड़ा है। लेकिन इसके लिए वह स्कूलों के प्राचार्य को जिम्मेदार मानते हैं। एक तरह से सही भी है। जिला शिक्षा अधिकारी खुद को नोटिस थोड़े ना दे सकते हैं, और अब इतनी नैतिकता भी नहीं बची की इस्तीफा दे दें। मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय को, जिला शिक्षा अधिकारी के नाम नोटिस जारी करना चाहिए।
इन स्कूलों के प्राचार्य को नोटिस जारी किए गए थे
शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल रातीबड़, ललरिया और मॉडल स्कूल शाहजहांनाबाद के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि उनकी पदस्थापना स्कूल के प्राचार्य के पद पर इसलिए की गई थी कि वे वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट सुधार करेंगे। हाई स्कूलों में सूखी सेवनिया, हिरणखेड़ी, गनियारी, बालमपुर, प्रेमपुरा, जमुनियाकला, बिलखो, उबेदिया, पिपलिया जाहीरपीर, शाउमावि कोटरा सुल्तानाबाद, रातीबड़, जहांगीरिया आदि को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
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