अगर कोई लोक सेवक (सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी) अपने कर्तव्य का पालन करते हुए किसी व्यक्ति की सम्पत्ति ज़ब्त कर रहा है अथवा अन्य कोई भी कार्रवाई कर रहा है और कोई व्यक्ति उसे ऐसा कार्य करने से रोकता है, तब ऐसे व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकती है जानिए:
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 218 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 183 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति, जिसे जानकारी है कि संपत्ति के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के आदेश हो गए हैं। किसी लोक सेवक को, किसी संपत्ति पर, विधि पूर्ण तरीके से की जा रही कार्रवाई को कररने से रोकेगा, उसका प्रतिरोध करेगा, ऐसे व्यक्ति के खिलाफ BNS की धारा 218 अथवा IPC की धारा 183 के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी और दंडित किया जाएगा।
नोट:- सरकारी अधिकारी द्वारा वैध आदेश के अनुसार किसी व्यक्ति का मकान तोड़ना, अवैध कब्जा हटाना, बैंक अधिकारी द्वारा किसी के मकान पर ताला लगा देना, संपत्ति जब्त करना आदि का प्रतिरोध करने वाले व्यक्ति को इस धारा के अंतर्गत दण्डित किया जाता है।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 218 or Indian Penal Code Section 183 Provision of punishment
"यह अपराध, असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ डायरेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी। इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवा सकते हैं एवं इस अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के लिए छ: माह की कारावास या जुर्माना अब (नए कानून भारतीय न्याय संहिता में एक हजार के स्थान पर) दस हज़ार रुपये या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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