हाई स्कूल के रिजल्ट को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है, उसी क्रम में लोक शिक्षण संचनालाय ने हाई स्कूल में अध्यापन कराने वाले अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय के समस्त शिक्षकों के लिए संभाग स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन का आदेश जारी किया है प्रशिक्षण 1 जून से आयोजित किया जाएगा तथा अलग अलग चरण में पूरे जून माह तक चलेगा। श्रीमान इस संबंध में मेरा निवेदन ये है कि इस समय गर्मी अपने चरम पर है, जिससे कई लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है, अतः प्रशिक्षण आयोजित करने का ये समय उपयुक्त नहीं है, शिक्षक भी प्राणी है, उनमें भी कई बुजुर्ग और कई बीमार भी हो सकते हैं।
कृपया इन बिंदुओं पर ध्यान दीजिए
दूसरा प्रशिक्षण का आयोजन स्थल जिला स्तरीय होना चाहिए ताकि शिक्षकों को ऐसी भीषण गर्मी में ज्यादा असुविधा नहीं होती और वह रात को अपने घर पर विश्राम कर सकता परंतु संभाग स्तर पर यह प्रशिक्षण आयोजित होने से यह प्रशिक्षण शारीरिक और मानसिक यंत्रणा का कारण बन जायेगा।
तीसरा ये प्रशिक्षण 50% से कम परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों को दिया जाना चाहिए, न कि समस्त शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाए।
चौथा 1 जून से नवीन शिक्षा सत्र प्रारम्भ हो रहा है जिस कारण जून माह में विद्यालयों में नवीन प्रवेश, मैपिंग, ब्रिज कोर्स, साईकल सूची, यू डाइस प्रोफाइल अपडेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य होने हैं जिन की जानकारी प्रतिदिन वरिष्ठ कार्यालयों द्वारा मांगी जाएगी ऐसे समय भीषण गर्मी में शिक्षकों को संभाग स्तर पर प्रशिक्षण हेतु बुलाना कहाँ तक उचित है। अगर गर्मी के कारण किसी शिक्षक को कुछ हो जाता है तो कौन जिम्मेदार होगा?
अगर ये प्रशिक्षण अपरिहार्य ही है तो प्रवेश तिथि निकलने के बाद भी आयोजित किया जा सकता है।
शिवपुरी के कलेक्टर साहब को भी समझाइए, यह क्या कर रहे हैं
इसी संदर्भ में एक और आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है संभागीय प्रशिक्षण के साथ साथ शिवपुरी जिले में हाई स्कूलों के शिक्षकों का तीन दिवसीय (दिनांक 6 जून से 8 जून तक) जिला स्तरीय प्रशिक्षण भी आयोजित किया जा रहा है जिसमें अंग्रेजी, विज्ञान , गणित और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। अर्थात शिवपुरी के शिक्षक पहले ग्वालियर जाकर वहां प्रशिक्षण लेंगे साथ ही शिवपुरी में जिला स्तरीय प्रशिक्षण भी लेंगे। यह प्रशिक्षण शिवपुरी कलेक्टर महोदय के आदेशानुसार आयोजित किये जा रहे हैं। शिवपुरी के प्रशिक्षण की खास बात ये है कि प्रशिक्षण केवल उन शिक्षकों को प्राप्त करना अनिवार्य है जिनका परीक्षा परिणाम 30% से अधिक है, ठीक पढ़ा 30% से अधिक। 30% से कम परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों को कोई प्रशिक्षण नहीं।
जबकि ऐसे विद्यालय जहां का परिणाम 50-60% से अधिक है वहां शासन को कम से कम हस्तक्षेप करना चाहिए साथ ही वहां के शिक्षकों को इन सब से दूर रखा जाना चाहिए ताकि वे अपने कार्य को अपने तरीके से बिना रुकावट जारी रख सकें।
वातानुकूलित कक्षों में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश जारी करते समय इन सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस तरह के कार्यक्रम बनाने चाहिए ताकि ऐसे कार्यक्रम होने से कुछ उपयोगी परिणाम हासिल हो सके। नए नए प्रयोगों से अमूमन विधिवत कार्य कर रहे शिक्षक भी भ्रमित हो जाते हैं और उनके प्रदर्शन में भी गिरावट आ जाती है।
कृपया निवेदन है कि उपर्युक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर पुनर्विचार कर इनमें आवश्यक परिवर्तन करने का कष्ट करें। धन्यवाद, पत्र लेखक शिवपुरी की एक महिला शिक्षक हैं। नाम गोपनीय रखने का निवेदन किया है।
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