ENGLISH SPOKEN COURSE -TRICKS & TIPS PART 01 - सरल हिंदी में अंग्रेजी सीखें

Bhopal Samachar
शिक्षाशास्त्र यानी पेडगॉजी के अनुसार किसी भी लैंग्वेज को सीखने के लिए सबसे जरूरी होता है उसे सुनना, फिर बोलना, फिर पढ़ना और आखिर में लिखना (LISTENING, SPEAKING, READING, WRITING) इन चारों को भाषाई कौशल कहा जाता है। यानी इंग्लिश स्पोकन के लिए बस एक सीढ़ी ही और ऊपर चढ़ना है क्योंकि सुनते तो हम बचपन से ही आ रहे हैं। बस अब थोड़ी सी हिम्मत करके बोलना शुरू करना है और यकीन मानिए बोलना तो आपको खुद ही होगा, कोई दूसरा आपको नहीं सिखा सकता है, हम तो बस आपको सही रास्ता ही दिखा सकते हैं, उस रास्ते पर आपको खुद ही चलना होगा।

ENGLISH SPOKEN TIPS STEP BY STEP

  • सबसे पहले यह सोचना छोड़ दें की गलतियां नहीं होंगी क्योंकि "MISTAKES ARE THE WINDOWS OF OUR LEARNING" जब हमको पता ही नहीं होगा कि हम गलती कहां कर रहे हैं तो हम उसमें सुधार कैसे कर पाएंगे इसलिए गलती करना बहुत जरूरी है।
  • दूसरा जब आप इंग्लिश बोलें तो यह न सोचें कि लोग क्या सोचेंगे, क्या कहेंगे, क्योंकि आप एक नई लैंग्वेज सीख रहे हैं। FOR EXAMPLE- कोई छोटा बच्चा बोलना शुरू करता है तो वह अटक -अटक कर ही बोलता है ना, फ्लुएंसी तो एक समय के बाद ही आ पाती है। तो शुरुआत में आप भी अपने आप को बच्चा ही समझें, तभी आप सीख पाएंगे।।
  • चाहे तो अपने बराबरी के लोगों के साथ अपना कोई ग्रुप बनाएं और उसमें इंग्लिश में बातचीत करें क्योंकि बराबरी के लोगों के बीच में हेसिटेशन कम होती है। क्योंकि हम अपने आसपास के वातावरण या पर्यावरण से ही सबसे जल्दी सीखते हैं।
  • इंग्लिश बोलने के लिए शुरुआत में ट्रांसलेशन और ग्रामर के चक्कर में बिल्कुल भी ना पड़े क्योंकि रीडिंग और राइटिंग तो लास्ट में ही होगी।
  • सबसे पहले बच्चा पेट के बल रेंगता है, फिर घुटनों के बल चलता है, फिर अपने पैरों पर खड़ा होकर चलता है, और आखिर में दौड़ता है।
  • इसी तरह पेड़-पौधों को देखें तो सबसे पहले हम बीज बोते हैं, फिर कुछ समय तक इंतजार करना पड़ता है, वह जमीन को अपनी जड़ों से पकड़ लेता है, फिर जमीन से छोटा पौधा बाहर आता है और फिर वह बढ़ता है और एक दिन वह पेड़ बन जाता है। तो कहने का मतलब है कि आप एक दिन में नहीं सीख सकते सारी प्रोसेस अपना-अपना टाइम लेगी और कुछ रिजल्ट्स आपको शुरुआत में दिखाई देंगे और कुछ दिखाई नहीं भी देंगे। बस वह जड़ों की तरह आपको मजबूती से आपकोपकड़ के रखेंगे।

ENGLISH SPOKEN TRICKS STEP BY STEP

जैसा कि ऊपर बताया कि सबसे पहले हम अपनी सराउंडिंग यानी अपने पर्यावरण या अपने आसपास के वातावरण से ही सीखते हैं। 
- तो बस किसी भी NOUN OR PRONOUN को पकड़ लीजिए।
- उसे अपना दोस्त बना लीजिए और उससे मन ही मन बातचीत करना शुरू कर दीजिए।
FOR EXAMPLE- अपने अपने अपने आसपास कोई DOG, COW, TREE ETC देखा।
किसी भी कम्युनिकेशन को शुरू करने के लिए जरूरी होता है, क्वेश्चन करना और कम्युनिकेशन को बनाए रखने के लिए भी क्वेश्चन करते रहना जरूरी होता है तो बस अब डॉग से पूछिए -
  • तुम कहां से आए हो?
  • तुम कितने बजे आए थे?
  • तुम कितने बजे जाओगे?
  • क्या तुमने खाना खाया?  
  • तुम वापस कब जाओगे?
(तो पहले दिन तो आप यह सब हिंदी में ही पूछिए, पर धीरे-धीरे 1, 2 क्वेश्चन करके आप इंग्लिश में पूछना शुरू कर दीजिए जिससे डॉग भी नहीं भागेगा और आपका काम भी बन जाएगा)। इस तरह से आपका इंग्लिश में बोलने से पहले, इंग्लिश में सोचना शुरू हो जाएगा।

ENGLISH SPOKEN में कम्युनिकेशन को आगे बढ़ाने के लिए के आगे के स्टेप्स (WH FAMILY) को हम अगले आर्टिकल में डिस्कस करेंगे। आप चाहे तो इन सवालों को इंग्लिश में ट्रांसलेट करके हमें भेज सकते हैं और आपके सुझावों का हमें हमेशा इंतजार रहेगा। यहां क्लिकयहां क्लिक करके ENGLISH SPOKEN COURSE - TRICKS & TIPS PART 02 पढ़ सकते हैं। English spoken course written by shaily Sharma (MSc, B.Ed, CTET Qualified) Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. 

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